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    RBI ने IDFC फर्स्ट बैंक और LIC हाउसिंग फाइनेंस पर लगाया जुर्माना, जानें क्या है वजह

    रिजर्व बैंक (RBI) ने IDFC फर्स्ट बैंक पर 1 करोड़ रुपये और LIC हाउसिंग फाइनेंस पर 49.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने बताया कि इन दोनों वित्तीय संस्थानों ने नियमों की अनदेखी की है। IDFC फर्स्ट बैंक पर जुर्माना 2016 और 2017 में एक सरकारी कंपनी को इंफ्रास्ट्रक्चर लोन देने के मामले में लगाया है। आइए जानते हैं पूरी खबर।

    By Agency Edited By: Suneel Kumar Updated: Fri, 05 Apr 2024 08:07 PM (IST)
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    दोनों वित्तीय संस्थानों ने आरबीआई के नियमों का उल्लंघन किया है।

    पीटीआई, मुंबई। रिजर्व बैंक (RBI) ने IDFC फर्स्ट बैंक पर 1 करोड़ रुपये और LIC हाउसिंग फाइनेंस पर 49.70 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है। केंद्रीय बैंक ने बताया कि इन दोनों वित्तीय संस्थानों ने नियमों की अनदेखी की है।

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    क्यों लगा जुर्माना?

    RBI ने एक बयान में कहा कि उसने प्राइवेट सेक्टर के IDFC फर्स्ट बैंक पर जुर्माना 2016 और 2017 में एक सरकारी कंपनी को इंफ्रास्ट्रक्चर लोन देने के मामले में लगाया है। इसमें 'Loans and Advances - Statutory and Other Restrictions' पर केंद्रीय बैंक के निर्देशों का पालन नहीं किया गया।

    RBI ने 31 मार्च, 2022 तक बैंक की वित्तीय स्थिति की जांच की। इसमें पता चला कि बैंक ने दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया है। ऐसे में बैंक को RBI ने नोटिस जारी किया और जवाब से संतुष्ट ना होने के बाद जुर्माना लगाया। 

    वहीं, LIC हाउसिंग फाइनेंस पर जुर्माना RBI के 'नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनीज- हाउसिंग फाइनेंस कंपनी (रिजर्व बैंक) गाइडलाइंस, 2021' के कुछ प्रावधानों का पालन नहीं करने की वजह से लगा है।

    क्या ग्राहकों पर होगा असर?

    दोनों ही वित्तीय संस्थानों पर एक्शन नियमों का सही तरीके से पालन नहीं करने की वजह से लिया गया है। ऐसे में इसका ग्राहकों के साथ किसी भी लेनदेन या समझौते पर कोई असर नहीं होगा। अगर जुर्माना लगाने के अलावा भी आरबीआई दोनों संस्थाओं के खिलाफ कोई एक्शन लेता है, तो उसका ग्राहकों के हितों पर कोई असर नहीं होगा।

    चार NBFC पर भी गिरी गाज

    आरबीआई ने चार NBFC- कुंडल्स मोटर फाइनेंस, नित्या फाइनेंस, भाटिया हायर परचेज और जीवनज्योति डिपॉजिट्स एंड एडवांसेज का सर्टिफिकेट ऑफ रजिस्ट्रेशन (CoR) भी रद्द कर दिया है। ये चारों कंपनियां अब बतौर नॉन-बैंकिंग फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन कोई कारोबार नहीं कर सकतीं।

    वहीं, पांच अन्य NBFC ने अपना (CoR) सरेंडर कर दिया है। ये हैं- ग्रोइंग अपॉर्चुनिटी फाइनेंस (इंडिया), इनवेल कॉमर्शियल, मोहन फाइनेंस, सरस्वती प्रॉपर्टीज और क्विकर मार्केटिंग।

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