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बैंक ग्राहकों की सेवा को बेहतर बनाने के लिए उठेंगे कदम, आरबीआई गवर्नर करेंगे MPC में लिए गए फैसलों की घोषणा

मंगलवार को देश में मुद्रास्फीति पर नियंत्रण रखने वाली नीति-निर्धारक संस्था मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक शुरू हुई। समिति के अध्यक्ष आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तांत दास गुरुवार की बैठक में लिए गए फैसलों की घोषणा करेंगे। विशेषज्ञों का कहना है कि यह संभावना नहीं है कि गवर्नर अमेरिका और कुछ यूरोपीय देशों के केंद्रीय बैंकों की नीतियों के अनुरूप भारतीय ब्याज दर में बदलाव करेंगे।

By Jagran NewsEdited By: Gaurav KumarWed, 09 Aug 2023 09:30 PM (IST)
बैंक ग्राहकों की सेवा को बेहतर बनाने के लिए उठेंगे कदम, आरबीआई गवर्नर करेंगे MPC में लिए गए फैसलों की घोषणा
आरबीआई गवर्नर कल करेंगे MPC में लिए गए फैसले की घोषणा

नई दिल्ली, जेएनएन: देश में महंगाई दर की दिशा देख कर नीति बनाने वाली समिति मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिवसीय बैठक मंगलवार को शुरू हुई है। समिति के अध्यक्ष आरबीआई गवर्नर डॉ. शक्तिकांत दास गुरुवार को बैठक में किये गये फैसलों की घोषणा कर देंगे।

इस बार भी ब्याज दर रह सकता है स्थिर

जानकारों का कहना है कि इस बात की संभावना नहीं है कि आरबीआई गवर्नर अमेरिका व कुछ यूरोपीय देशों के केंद्रीय बैंकों की तर्ज पर भारत में ब्याज दरों को लेकर कोई बदलाव करेंगे। हाल के दिनों में जिस तरह से देश में टमाटर, गेहूं और कुछ दूसरे खाद्य उत्पादों की कीमतों को तेजी का रुख दिखाई दिया है उसके बारे में आरबीआई गवर्नर क्या टिप्पणी करते हैं इस पर निश्चित तौर पर सभी की नजर होगी।

जानकार बता रहे हैं कि महंगाई की दर अभी बहुत परेशान करने वाली नहीं है। हालांकि बैंक ग्राहकों की सुविधाओं को बेहतर करने के लिए कुछ नये उपायों की घोषणा जरूर हो सकती है। मास्टर कैप्टिल सर्विसेज की निदेशक पल्का अरोड़ा चोपड़ा कहती हैं कि इस बात की पूरी संभावना है कि आरबीआई की मौद्रिक नीति समीक्षा में लगातार तीसरी बार वैधानिक ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा। वजह यह है कि महंगाई की दर घट कर पांच फीसद के करीब आ गई है। लेकिन एहतियाती कदम उठाते हुए आरबीआई कुछ दूसरे कदम उठा सकता है जिससे महंगाई को थामने में मदद मिले।

जून में करीब 5 फीसदी तक रही महंगाई

जून, 2023 में खुदरा महंगाई की दर 4.81 फीसद रही है यह आरबीआई की तरफ से तय लक्ष्य के दायरे में है लेकिन यह पिछले तीन महीनों की सबसे ऊंची दर है। उनका कहना है कि महंगाई की दर में थोड़ी बहुत और वृद्धि संभव है । आगे ब्याज दरों में गिरावट होगी या नहीं यह इस बात से तय होगा कि आर्थिक विकास दर क्या रहती है और अमेरिका का केंद्रीय बैंक क्या फैसला करता है। अगर जीडीपी ग्रोथ रेट 5.5 फीसद से नीचे आती है या अमेरिका में ब्याज दरों को घटाया जाता है तो आरबीआई भी यह फैसला कर सकता है।

खुदरा महंगाई 6 फीसदी से रहा सकती है ज्यादा- विशेषज्ञ

कोटक महिंद्रा एसेट मैनेजमेंट कंपनी के सीआइओ (फिक्स्ड इंकम) दीपक अग्रवाल का कहना है कि, “दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर में खुदरा महंगाई की दर 6 फीसद से थोड़ी ज्यादा रह सकती है। यह टमाटर व दूसरी सब्जियों की कीमतों में तेजी आने की वजह से होगा। आरबीआई ने उम्मीद जताई थी कि इस अवधि में महंगाई की दर 5.2 फीसद रहेगी। लेकिन कीमतों में यह वृद्धि अस्थाई है।

महंगाई की दर इस वित्त वर्ष की शेष अवधि में 5.1 फीसद रहने के आसार हैं। इससे आरबीआई को राहत को मिलेगी और उम्मीद है कि रेपो दर में कोई बदलाव नहीं होगा।'' एमपीसी की पिछली बैठक जून, 2023 में हुई थी जिसमें इसके सभी छह सदस्य डॉ. शशिकांत भिडे. डॉ. आशिमा गोयल, प्रो. जे आर वर्मा, डॉ. राजीव रंजन, डॉ. माइकल पात्रा और गवर्नर दास ने रेपो रेट को 6.5 फीसद पर बनाये रखने का फैसला किया था।