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    RBI Governor: दुनिया की अन्य अर्थव्यवस्थाओं के मुकाबले भारत की स्थिति काफी अलग, मंदी की कोई संभावना नहीं

    RBI Governor हैदराबाद में आरबीआई के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनामिक एंड पालिसी रिसर्च (DEPR) के वार्षिक सम्मलेन में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि दुनिया में ब्याज दर बढ़ने के चलते मंदी का खतरा बढ़ गया है लेकिन भारत की स्थिति काफी अलग है।

    By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sun, 20 Nov 2022 06:12 PM (IST)
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    India is differently placed, at low risk of recession: RBI Guv

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि महंगाई को कम करने के लिए दुनिया के बड़े केंद्रीय बैकों की ओर से ब्याज दर में इजाफा किया गया है, जिसके कारण हार्ड लैंडिंग (आर्थिक गतिविधियों में कमी या लोन देने के लिए राशि की कम उपलब्धता) ने मंदी के खतरे को बढ़ा दिया है, हालांकि भारत की स्थिति काफी अलग है और मंदी की संभावना नहीं है। 

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    महंगाई पर बोलते हुए गवर्नर ने कहा कि विकसित अर्थव्यस्थाओं में महंगाई अस्थाई होने की बजाय बनी रही है। अमेरिका के केंद्रीय बैंक फेड की ओर से ब्याज दरों में आक्रामक रूप से वृद्धि करने से अमेरिकी डॉलर की कीमत में इजाफा हुआ है।

    शनिवार को हैदराबाद में आरबीआई के डिपार्टमेंट ऑफ इकोनामिक एंड पालिसी रिसर्च (DEPR) के वार्षिक सम्मलेन में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने उभरती हुईं अर्थव्यवस्थाओं में कैपिटल आउटफ्लो, मुद्रा में गिरावट, विदेशी मुद्रा भंडार में गिरावट और महंगाई में वृद्धि जैसे मुद्दों पर भाषण दिया। 

    2016 से 2020 तक महंगाई का औसत 3.9 प्रतिशत 

    लोगों को संबोधित करते हुए आरबीआई गवर्नर ने आगे कहा कि जून 2016 से फरवरी 2020 तक औसत महंगाई 3.9 प्रतिशत रही है। यह उस समय रिसर्च का मुद्दा था कि किन कारकों के कारण उस समय महंगाई काबू में रही।

    सरकार और आरबीआई मिलकर कर रहे काम

    इससे पहले दिल्ली में हुए समारोह में आरबीआई गवर्नर ने कहा था कि बढ़ती हुई महंगाई को कम करने के लिए सरकार और आरबीआई मिलकर काम कर रहे हैं। आरबीआई ने रेपो रेट में इजाफा कर महंगाई कम करने की कोशिश की है, जबकि सरकार आपूर्ति को बढ़ा रही है।

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