विदेशों में रखे सोने को तेजी से भारत वापस क्यों ला रहा RBI, कब्जे का डर या कोई और बात है? 64 टन गोल्ड ट्रांसफर
आरबीआई ने फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व पर अपनी हाफ ईयरली रिपोर्ट में यह जानकारी दी है। रिजर्व बैंक ने कहा कि FY26 के पहले छह महीनों में लगभग 64 टन सोना वापस देश में लाया गया है। हालांकि,आरबीआई ने विदेशों से सोना वापस लेने का कोई कारण नहीं बताया है।

फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व रिपोर्ट में आरबीआई ने दी जानकारी
नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक, विदेशों में रखे अपने सोने को तेजी से देश वापस ला रहा है। आरबीआई ने फॉरेन एक्सचेंज रिजर्व (RBI Foreign Exchange Reserves) पर अपनी हाफ ईयरली रिपोर्ट में कहा कि FY26 के पहले छह महीनों में लगभग 64 टन सोना वापस देश में लाया गया है। इसके साथ ही केंद्रीय बैंक के पास अब देश में 65% से अधिक गोल्ड रिजर्व (RBI Gold Reserve) है, जो चार वर्ष पहले की तुलना में लगभग दोगुना है। दरअसल, यूक्रेन पर आक्रमण के बाद पश्चिमी देशों द्वारा रूस के रिजर्व को फ्रीज कर दिए जाने के बाद आरबीआई ने सोने को वापस भारत लाने की दिशा में तेजी दिखाई है।
आरबीआई आमतौर पर अपने सोने का एक हिस्सा विदेश में रखता है, जो बैंक ऑफ इंग्लैंड और बैंक फॉर इंटरनेशनल सेटलमेंट्स में रखा जाता है।
RBI क्यों उठा रहा ये कदम?
आरबीआई ने विदेशों से सोना वापस लेने का कोई कारण नहीं बताया, लेकिन कुछ अर्थशास्त्रियों का मानना है कि यह कदम देश की सर्राफा संपत्तियों पर नियंत्रण बढ़ाने के उद्देश्य से उठाया गया हो सकता है, क्योंकि अमेरिका और यूरोपीय संघ सहित 7 देशों के समूह ने 2022 में यूक्रेन पर आक्रमण के बाद रूस के गोल्ड रिजर्व पर कब्ज़ा कर लिया था।
पिछले चार वर्षों में आरबीआई ने लगभग 280 टन सोना देश में लेकर आई है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पिछले महीने कहा था कि आरबीआई अपने रिजर्व में विविधता लाने के लिए बहुत सोच-समझकर एक फैसला लिया है और उस पर काम कर रहा है।
RBI के पास अब 880 टन गोल्ड
सितंबर के अंत तक, आरबीआई के पास 880 टन सोना था, जिसमें से 576 टन घरेलू स्तर पर संग्रहीत था, जो अब तक का सबसे उच्च स्तर है। सितंबर 2022 में कुल भंडार में स्थानीय स्तर पर रखे गए सोने का हिस्सा लगभग 38% था। कीमत के लिहाज से, सितंबर के अंत में सोने का कुल रिजर्व में हिस्सा 13.92% था, जो मार्च में 11.70% था।
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बता दें कि अमेरिकी डॉलर और उससे जुड़ी संपत्तियों पर निर्भरता कम करने के लिए आरबीआई दुनिया भर में सोने के सबसे बड़े खरीदारों में से एक है। रिजर्व बैंक ने अमेरिकी ट्रेजरी में अपनी होल्डिंग लगातार कम की है, यह प्रक्रिया राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर 50% टैरिफ लगाने से पहले ही शुरू हो गई थी।

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