विकसित देश बनाने के लिए देश की GDP 7.6 फीसदी तक पहुंचना जरूरी: RBI Article
RBI Article दुनिया में विकसित देश की लिस्ट में शामिल होने के लिए भारत हर मुमकिन प्रयास कर रहे हैं। पिछले साल 15 अगस्त को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विकसित देश के लिए 25 साल के दृष्टिकोण के बारे में बाताया है। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने जुलाई बुलेटिन के लेख इंडिया100 में भी विकासित देश बनने के लिए 25 साल का एक रोड मैप बनाया है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा अपने जुलाई बुलेटिन में प्रकाशित एक लेख में कहा है कि अगर भारत को एक विकसित देश बनाना है तो अगले 25 सालों में जीडीपी दर को 7.6 फीसदी तक पहुंचाना होगा। अगर ऐसा हुआ तो साल 2047 तक भारत एक विकसित देश बन सकता है। 'इंडिया@100' शीर्षक वाले लेख में कहा गया है कि देश के पूंजी भंडार, बुनियादी ढांचे और लोगों के कौशल सेट के मौजूदा स्तर को देखते हुए यह काम आसान नहीं हो सकता है।
भारत की स्वतंत्रता का 75वां वर्ष यानी 15 अगस्त, 2022 को राष्ट्र को संबोधित करते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने एक विकसित राष्ट्र बनने के लिए अगले 25 वर्षों का एक दृष्टिकोण रखा था।
'इंडिया@100' लेख
हरेंद्र बेहरा, धन्या वी, कुणाल प्रियदर्शी और सपना गोयल द्वारा लिखित लेख में कहा गया है कि विकसित अर्थव्यवस्था बनने के लिए प्रति व्यक्ति आय स्तर हासिल करने के लिए भारत की वास्तविक जीडीपी को अगले 25 वर्षों में सालाना 7.6 प्रतिशत की दर से बढ़ने की जरूरत है। ये लेखक आरबीआई के आर्थिक और नीति अनुसंधान विभाग से हैं।
केंद्रीय बैंक ने कहा कि वे इस लेख में व्यक्त विचार लेखकों के हैं। इनके विचारों का बैंक कोई प्रतिनिधित्व नहीं करती है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान भारत की जीडीपी 7.2 प्रतिशत दर्ज हुई है। चालू वित्त वर्ष के लिए आरबीआई का सकल घरेलू उत्पाद वृद्धि का अनुमान 6.5 प्रतिशत है।
'इंडिया@100' लेख में लेखर ने एक सांकेतिक रोड मैप दिया है। इसके जरिये 2047-48 तक भारत को एक विकसित देश बनने में सक्षम हो सकता है।
लेख में बताया गया है कि भारत को अपने औद्योगिक क्षेत्र को मजबूत करके अपनी आर्थिक संरचना को संतुलित करना चाहिए। इससे सकल घरेलू उत्पाद में इसकी हिस्सेदारी 2047-48 तक 25.6 फीसदी से बढ़कर 35 फीसदी हो जाए। इसके अलावा आने वाले 25 वर्षों में कृषि को 4.9 फीसदी और सर्विस सेक्टर को 13 फीसदी की दर से बढ़ना होगा। इसके बाद 2047-48 में सकल घरेलू उत्पाद में कृषि क्षेत्र में 5 प्रतिशत और सर्विस सेक्टर में60 प्रतिशत होगी।
इसके अलावा लेख में कहा गया है कि 2047 तक विकसित देश बनने के लिए भारत की प्रति व्यक्ति जीडीपी को मौजूदा स्तर से 8.8 गुना बढ़ाने की जरूरत है। दूसरे शब्दों में कहें तो प्रति व्यक्ति जीडीपी 2,500 अमेरिकी डॉलर को बढ़ाकर 22,000 अमेरिकी डॉलर करने की जरूरत है। इसके आगे लेख में ये बी कहा गया है कि विकास की गति को जारी रखने के लिए भौतिक पूंजी में निवेश और उत्पादकता बढ़ाने के लिए शिक्षा, बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा और प्रौद्योगिकी को कवर करने वाले क्षेत्रों में व्यापक सुधार की आवश्यकता है।
विश्व बैंक का वर्गीकरण
विश्व बैंक के वर्गीकरण के अनुसार 2022-23 में 13,205 अमेरिकी डॉलर या उससे अधिक की प्रति व्यक्ति आय वाले देश को उच्च आय वाले देश के रूप में जाना जाएगा।