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    RBI Alert! 1 अगस्त से एटीएम से कैश निकालना हो जाएगा महंगा, इन Transactions पर भी देना होगा ज्यादा शुल्क

    By Ankit KumarEdited By:
    Updated: Thu, 22 Jul 2021 07:11 AM (IST)

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में बैंकों द्वारा एटीएम ट्रांजैक्शन पर लिए जाने वाले इंटरचेंज फी में बढ़ोत्तरी का एलान किया था। फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर इंटरचेंज फीस को 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया गया है।

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    नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर फीस में बढ़ोत्तरी कर पांच रुपये से छह रुपये किया गया है।

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल में बैंकों द्वारा एटीएम ट्रांजैक्शन पर लिए जाने वाले इंटरचेंज फी में बढ़ोत्तरी का एलान किया था। फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर इंटरचेंज फीस को 15 रुपये से बढ़ाकर 17 रुपये कर दिया गया है। वहीं, नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन पर फीस में बढ़ोत्तरी कर पांच रुपये से छह रुपये किया गया है। ये नए रेट्स एक अगस्त, 2021 से प्रभावी होंगे।  

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    क्या होता है Interchange Fee

    रिजर्व बैंक के मुताबिक इंटरचेंज फी ऐसा शुल्क होता है, जो बैंक क्रेडिट कार्ड या डेबिट कार्ड से पेमेंट प्रोसेस करने के लिए मर्चेंट्स से लेता है।  

    एटीएम से कैश निकालने के नियम में बदलाव

    आरबीआई ने कहा है कि ग्राहक अपने बैंक के एटीएम से पांच निशुल्क लेनदेन कर सकते हैं। इनमें फाइनेंशियल और नॉन-फाइनेंशियल ट्रांजैक्शन शामिल हैं। इतना ही नहीं ग्राहक अन्य बैंक के एटीएम से भी बिना किसी शुल्क के पैसे निकाल सकते हैं। इसके तहत मेट्रो शहरों में दूसरे बैंक के एटीएम से तीन और नॉन-मेट्रो में पांच ट्रांजैक्शन शामिल हैं। 

    एक जनवरी, 2022 से इन शुल्कों में होगा बदलाव

    आरबीआई द्वारा निर्धारित निशुल्क ट्रांजैक्शन से ज्यादा लेनदेन करने पर ग्राहकों को एक जनवरी, 2022 से 21 रुपये का शुल्क देना होगा। वर्तमान में यह शुल्क 20 रुपये है। 

    आरबीआई की ओर से पिछले महीने जारी एक बयान में कहा गया था, ''अधिक इंटरचेंज फी की क्षतिपूर्ति के लिए और आम लागत में वृद्धि को देखते हुए उन्हें कस्टमर चार्ज को बढ़ाकर 21 रुपये प्रति ट्रांजैक्शन करने की अनुमति दी जाती है। ये बदलाव एक जनवरी, 2022 से प्रभावी हो जाएंगे।''

    आरबीआई के बारे में खास बातें

    भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) देश में बैंकिंग सिस्टम का रेगुलेटर है। केंद्रीय बैंक देश की इकोनॉमी, बैंकों की स्थिति एवं बैंकिंग सिस्टम के कामकाज की समीक्षा करता है। इसके साथ ही हर दो माह पर मौद्रिक दरों की समीक्षा भी आरबीआई द्वारा की जाती है। शक्तिकांत दास भारतीय रिजर्व बैंक के मौजूदा गवर्नर हैं।