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    धरी रह गई चीन की चाल, भारत इस कंगारू देश से रेयर अर्थ एलिमेंट्स पर करने वाला है करार; 100% बन गई बात!

    Updated: Sat, 12 Jul 2025 03:06 PM (IST)

    India Australia Rare Earth Elements Partnership भारत रेयर अर्थ एलिमेंट्स को लेकर ऑस्ट्रेलिया के साथ बातचीत कर रहा है। दोनों देश दुर्लभ खनिज को लेकर साझेदारी (India Australia  rare earth deal) कर सकते हैं। अगर पार्टनरशिप होती है तो चीन पर भारत की निर्भरता कम न के बराबर हो जाएगी।

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    भारत ने चीन को किया दरकिनार, कंगारू देश से रेयर अर्थ एलिमेंट्स की डील के लिए बढ़ाया हाथ

    नई दिल्ली। हमारा देश एक महत्वपूर्ण औद्योगिक परिवर्तन के कगार पर है। हम रेयर अर्थ एलिमेंट्स और अन्य महत्वपूर्ण खनिज प्रमुख भूमिका में हैं। दुर्लभ खनिजों में चीन का एकाधिकार है। उसने इन एलिमेंट्स के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। यही कारण है कि इस दिशा में हमारा देश आत्मनिर्भर बनने की दिशा में कई बड़े कदम उठा चुका है। चीन को दरकिनार कर भारत ने कंगारू देश ऑस्ट्रेलिया (India Australia Rare Earth deal) से इस पर साझेदारी की बात आगे बढ़ा दी है।

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    कंगारू देश ऑस्ट्रेलिया ने भारत को दुर्लभ खनिजों का प्रमुख आपूर्तिकर्ता बनने की अपनी प्रतिबद्धता दोहराई है। क्योंकि इलेक्ट्रिक वाहनों और अन्य उपकरणों रेयर अर्थ एलिमेंट्स की मांग बढ़ रही है।

    भारत को रेयर अर्थ एलिमेंट्स देना चाहता है ऑस्ट्रेलिया

    एनर्जी वीक 2025 में ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा, "हम भारत जितने बड़े विनिर्माण देश नहीं हैं। लेकिन हमारे पास दुर्लभ खनिजों का भंडार है।"

    रेयर अर्थ एलिमेंट्स इलेक्ट्रिक वाहनों, विंड एनर्जी और इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में उपयोग होते हैं। न्यू साउथ वेल्स (NSW) की व्यापार और निवेश आयुक्त मालिनी दत्त ने बताया कि भारत के अलावा ऑस्ट्रेलिया की और भी कई पक्षों के साथ बातचीत चल रही है। क्योंकि NSW में दुर्लभ खनिज प्रचुर मात्रा में हैं।

    ऑस्ट्रेलिया को भारत पर भरोसा

    ऑस्ट्रेलिया के उच्चायुक्त फिलिप ग्रीन ने कहा, "ऑस्ट्रेलिया, भारत के आर्थिक विकास में विश्वास रखता है। भारत अब हमारा टॉप पार्टनर है। और हमारा द्विपक्षीय रिश्ता तेजी से बढ़ रहा है। जलवायु परिवर्तन की समस्या के समाधान में भारत की भूमिका अहम है।"

    हाल ही में 1 जुलाई को हुए क्वाड शिखर सम्मेलन (Quad Summit) में भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और अमेरिका ने दुर्लभ खनिजों पर चर्चा की। इस दौरान पीएम मोदी ने अर्जेंटीना के राष्ट्रपति जेवियर मिलेई के साथ भी रणनीतिक संसाधनों पर बात की।

    ग्रीन ने बताया कि ऑस्ट्रेलिया दुनिया के खनिज उत्पादन (India Australia Rare Earth Elements Partnership) में बड़ा हिस्सा रखता है और भारत के एनर्जी ट्रांसफॉर्मेंशन में मदद कर सकता है। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों, नरेंद्र मोदी और एंथोनी अल्बानीज ने  रिन्यूबल एनर्जी के पार्टनरशिप को प्राथमिकता दी है।

    प्रति व्यक्ति रूफटॉप सोलर एनर्जी के मामले में नंबर वन पर है। वह अपनी तकनीकी विशेषज्ञता भारत से साझा करना चाहता है।

    अब चीन पर नहीं निर्भर भारत!

    हिंदुस्तान, चीन पर निर्भरता कम करने के लिए इन खनिजों की लंबी अवधि की आपूर्ति चाहता है। ऐसे में ऑस्ट्रेलिया एक निर्यातक की भूमिका निभा सकता है।