रंगराजन समिति की रिपोर्ट छह माह में
चीनी उद्योग को नियंत्रणमुक्त करने संबंधित सभी पहलुओं को जांचने के लिए गठित रंगराजन समिति को छह महीने में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि सरकार चीनी उद्योग के साथ गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है।
नई दिल्ली [जाब्यू]। चीनी उद्योग को नियंत्रणमुक्त करने संबंधित सभी पहलुओं को जांचने के लिए गठित रंगराजन समिति को छह महीने में अपनी जांच रिपोर्ट पेश करने को कहा गया है। उपभोक्ता मामले, खाद्य व सार्वजनिक वितरण राज्य मंत्री केवी थॉमस ने कहा कि सरकार चीनी उद्योग के साथ गन्ना किसानों की समस्याओं को लेकर काफी गंभीर है।
थॉमस ने कहा कि गठन के वक्त समिति के लिए कोई समय सीमा निर्धारित नहीं की गई है, लेकिन उसे अब छह महीने का समय दिया गया है। डॉ. सी रंगराजन प्रधानमंत्री की आर्थिक सलाहकार परिषद के अध्यक्ष हैं। समिति का गठन 20 जनवरी, 2012 को किया गया था।
राज्यसभा में पूछे गए पूरक सवालों के जवाब में थॉमस ने कहा कि चीनी उद्योग व किसानों की समस्याओं पर विचार करने और उनके समाधान के लिए पूर्व में भी महाजन समिति, केलकर समिति और थोराट समिति का गठन किया गया था। महाजन समिति ने चीनी उद्योग और गन्ना उत्पादक किसानों की समस्याओं पर विचार किया। इसके बाद गठित समिति ने केवल चीनी उद्योग पर अपनी रिपोर्ट केंद्रित की। केलकर व थोराट समिति ने कई अलग-अलग पक्षों पर अपनी सिफारिशें पेश कीं। लेकिन रंगराजन समिति का दायरा काफी व्यापक है। इसमें मिलों, किसानों, कोल्हू मालिकों के साथ चीनी कारोबार को शामिल किया गया है। समिति चीनी के आयात व निर्यात संबंधी पहलुओं को भी खंगालेगी।
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