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राजन बोले, चीन की बराबरी करने में अभी तय करना होगा लंबा सफर

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने कहा है कि चीन की बराबरी करने के लिए भारत को अभी लंबा सफर तय करना होगा।

By Kishor JoshiEdited By: Published: Mon, 18 Jul 2016 11:14 PM (IST)Updated: Tue, 19 Jul 2016 12:27 AM (IST)
राजन बोले, चीन की बराबरी करने में अभी तय करना होगा लंबा सफर

हैदराबाद, प्रेट्र। भारत को चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) तक पहुंचने में लंबा सफर तय करना है। इसके लिए देश को लगातार और कई वर्षो तक तेज आर्थिक विकास की जरूरत है। लेकिन ग्रोथ के रास्ते पर चलते हुए ध्यान रखना होगा कि यह पर्यावरण की कीमत पर हासिल न की जाए। चीन की प्रति व्यक्ति जीडीपी भारत के चार गुना है। सोमवार को रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन ने ये बातें कहीं।

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आरबीआइ गवर्नर यहां राष्ट्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज संस्थान के एक परिचर्चा सत्र में पहुंचे थे। राजन बोले कि कुछ साल की तेज ग्रोथ से काम नहीं चलेगा। देश को सतत विकास की जरूरत है। यही वजह है कि प्रणालियों का दुरुस्त होना जरूरी है। ग्रोथ के साथ व्यापक स्थिरता की जरूरत है। मौजूदा मूल्य पर भारत की प्रति व्यक्ति आय करीब 93,293 रुपये है। राजन ने सतत विकास के लिए वित्तीय समावेशन को आवश्यक बताया। उनके मुताबिक, केंद्रीय बैंक विभिन्न संस्थानों के लिए चीजों को आकर्षक बना रहा है ताकि वे हर किसी को बैंकिंग सेवाएं मुहैया कराने के लिए प्रोत्साहित हों।

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एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने सोमवार को ही 2016 के लिए एशिया-प्रशांत क्षेत्र की आर्थिक विकास दर के अनुमानों में मामूली कटौती की है। इसे पहले के 5.7 फीसद से घटाकर 5.6 फीसद कर दिया है। भारत के लिए उसके अनुमान में अंतर नहीं आया है। एडीबी के मुताबिक भारत इस साल 7.4 फीसद और अगले साल 7.8 फीसद की ग्रोथ हासिल करेगा।

रुपये की स्थिति ठीक-ठाक

रुपये के मौजूदा स्तर पर राजन ने कहा कि भारतीय मुद्रा की स्थिति काफी ठीक-ठाक है। इसके अवमूल्यन के किसी भी प्रयास से महंगाई का दबाव बढ़ सकता है। रुपये के मूल्य का मसला जटिल है। कुछ लोग मानते हैं कि निर्यात बढ़ाने के लिए रुपये का अवमूल्यन किया जाना चाहिए। इसके कई तरीके होते हैं। इनमें से तमाम तरीकों के लिए वित्तीय प्रणाली में उल्लेखनीय बदलाव की जरूरत है, जिनका इस्तेमाल पड़ोसी देशों ने लंबे समय तक किया है। इसके कई विपरीत प्रभाव भी हैं। रुपये की कीमत घटाने पर आयात महंगा पड़ेगा। यदि आयातित चीजों के लिए अधिक भुगतान करना पड़ेगा तो महंगाई बढ़ जाएगी।

फंड ट्रांसफर करना होगा आसान

राजन ने बताया कि आने वाले कुछ हफ्तों में लोगों के लिए अपने स्मार्टफोन के जरिये बैंक खातों के बीच फंड ट्रांसफर करना आसान होगा। उन्होंने डिजिटल लेनदेन को प्रोत्साहित करने वाले व्यवसायियों को टैक्स लाभ की वकालत की।

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