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देश में चरम पर पहुंची रबी बोआई, गेहूं का रकबा 25 फीसद बढ़ा; यूरिया की सप्लाई बढ़ाने पर जोर

चालू रबी सीजन में फसलों की बोआई अपने चरम पर पहुंच गई है।सीजन की प्रमुख फसल गेहूं का बोआई रकबा में 25 फीसद से अधिक की वृद्धि हो गई है। जबकि घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की मांग को देखते हुए किसानों का रुझान खेती की ओर अधिक बढ़ा है।

By Jagran NewsEdited By: Sonu GuptaPublished: Fri, 09 Dec 2022 11:14 PM (IST)Updated: Fri, 09 Dec 2022 11:14 PM (IST)
देश में चरम पर पहुंची रबी बोआई, गेहूं का रकबा 25 फीसद बढ़ा; यूरिया की सप्लाई बढ़ाने पर जोर
देश में चरम पर पहुंची रबी बोआई। फाइल फोटो।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। चालू रबी सीजन में फसलों की बोआई अपने चरम पर पहुंच गई है। सीजन की प्रमुख फसल गेहूं का बोआई रकबा में 25 फीसद से अधिक की वृद्धि हो गई है। जबकि घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की मांग को देखते हुए किसानों का रुझान खेती की ओर अधिक बढ़ा है। तिलहनी फसलों का बोआई रकबा नौ फीसद तक अधिक हो गया है। सीजन की सभी फसलों का कुल बोआई रकबा 5.26 करोड़ हेक्टेयर पहुंच गया है। जबकि पिछले साल यह 4.57 करोड़ हेक्टेयर था।

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देश के किसी भी हिस्से में नहीं है फर्टिलाइजर की किल्लत

बोआई सीजन के चरम पर होने के बावजूद देश के किसी भी हिस्से में फर्टिलाइजर की किल्लत नहीं है। फर्टिलाइर मंत्रालय इन दिनों देश के सभी हिस्सों में यूरिया की सप्लाई बढ़ाने पर जोर दे रहा है। रबी सीजन की बोआई अक्तूबर से चालू हो जाती है। कृषि मंत्रालय के जारी बोआई आंकड़े के मुताबिक रबी सीजन की सबसे बड़ी फसल गेहूं का बोआई रकबा 2.56 करोड़ हेक्टेयर पहुं गया है। इसके मुकाबले पिछले साल की इसी अवधि में 2.03 करोड़ हेक्टेयर में गेहूं की खेती हुई थी।

इन राज्यों में हुई है गेहूं की अधिक खेती

राज्यों से प्राप्त आंकड़े के मुताबिक उत्तर प्रदेश में सामान्य से 20.09 लाख हेक्टेयर अधिक, मध्य प्रदेश में 13.48 लाख हेक्टेयर, राजस्थान में 5.32 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.61 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 2.43 लाख हेक्टेयर, गुजरात में 2.61 लाख हेक्टेयर, महाराष्ट्र में 2.43 लाख हेक्टेयर, पंजाब में 1.32 लाख हेक्टेयर और हरियाणा में 1.28 लाख हेक्टेयर अधिक रकबा में गेहूं की खेती हुई है।

गेहूं के बोआई रकबा में होने वाली वृद्धि शुभ संकेत

फसल वर्ष 2021-22 (जुलाई से जून) के दौरान गेहूं की कुल पैदावार 10.9 करोड़ टन हुई थी, जबकि वर्ष 2022 में यह घटकर 10.6 करोड़ हो गई। ऐसे में चालू रबी सीजन में गेहूं के बोआई रकबा में होने वाली वृद्धि देश की खाद्य सुरक्षा के लिए एक शुभ संकेत है। इसी वर्ष मई में सरकार ने घरेलू बाजार में कीमतों पर काबू पाने और आपूर्ति बढ़ाने के लिए गेहूं निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।

रबी सीजन की धान की रोपाई 11.86 लाख हेक्टेयर तक पहुंची

वर्ष 2022-23 के रबी मार्केटिंग सीजन में गेहूं की सरकारी खरीद अपने लक्ष्य 4.34 करोड़ टन के मुकाबले केवल 1.87 करोड़ टन ही हो सकी थी। इसके मद्देनजर निजी व्यापारिक प्रतिष्ठानों से आगे बढ़कर गेहूं की खरीद की है, जिससे बाजार में कीमतें बढी हुई हैं। इसी तरह नौ दिसंबर तक रबी सीजन की धान की रोपाई भी 10.42 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 11.86 लाख हेक्टेयर हो चुकी है।

दलहनी फसलों की खेती में हुई बढ़ेतरी

दलहनी फसलों की खेती का रकबा पिछले साल के 1.24 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 1.27 लाख हेक्टेयर हो चुका है। इसमें चना खेती का रकबा पिछले वर्ष के 87.28 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 89.42 लाख हेक्टेयर हो गया है। मोटे अनाज वाली फसलों का रकबा 32.05 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 36.39 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। तिलहनी फसलों का रकबा भी पिछले रबी सीजन के 87.65 लाख हेक्टेयर से बढ़कर 95.19 लाख हेक्टेयर हो चुका है।

किसानों का रुझान तिलहनी खेती की ओर बढ़ा

घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की महंगाई को देखते हुए किसानों का रुझान तिलहनी खेती की ओर बढ़ गया है। रबी सीजन की प्रमुख तिलहनी फसल सरसों का बोआई रकबा 80.78 लाख हेक्टेयर के मुकाबले 87.95 लाख हेक्टेयर पहुंच गया है। भारत अपनी घरेलू जरूरतों का तकरीबन 60 फीसद खाद्य तेलों का सालाना आयात करता है।

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