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    Property Market: आवासीय बाजार में जोरदार तेजी, दिल्ली-एनसीआर में 31 फीसदी बढ़े घरों के दाम

    Updated: Tue, 25 Feb 2025 06:08 PM (IST)

    2024 की अंतिम तिमाही में भारत के आठ प्रमुख शहरों में मकानों की कीमतों में 10% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। दिल्ली-एनसीआर (31%) और बेंगलुरु (23%) में सबसे अधिक उछाल आया। बिना बिके मकानों की संख्या घटी खासकर पुणे (14%) और हैदराबाद (13%) में। लग्जरी और अल्ट्रा-लक्जरी सेगमेंट की मांग बढ़ रही है। 2025 में ब्याज दरों में कटौती से बिक्री और बढ़ने की संभावना है।

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    2024 की चौथी तिमाही में बिना बिके मकानों की संख्या लगातार चौथी बार घटी।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। कैलेंडर ईयर 2024 की अंतिम तिमाही में भारत के आठ प्रमुख शहरों में आवासीय संपत्तियों की औसत कीमतों में 10% सालाना वृद्धि दर्ज की गई। यह वृद्धि 2021 से लगातार 16वीं तिमाही जारी रही, जो मजबूत मांग और सकारात्मक बाजार रुझानों का संकेत है।

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    दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु में सबसे तेज ग्रोथ

    • दिल्ली-एनसीआर में सबसे ज्यादा 31% की वृद्धि हुई, खासकर लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी सेगमेंट में।
    • बेंगलुरु में 23% की सालाना वृद्धि दर्ज की गई।
    • अहमदाबाद में 15%, पुणे में 9% और चेन्नई में 6% की वृद्धि हुई।
    • हैदराबाद में मात्र 2% और कोलकाता में 1% की हल्की बढ़ोतरी दर्ज की गई।

    बिना बिके मकानों की संख्या में गिरावट

    2024 की चौथी तिमाही में बिना बिके मकानों की संख्या लगातार चौथी बार घटी और सालभर में इसमें 5% की कमी दर्ज की गई। देशभर में बिना बिके मकानों की संख्या दिसंबर 2024 तक पहली बार 10 लाख से कम हो गई।

    पुणे में सबसे अधिक 14% और हैदराबाद में 13% की गिरावट दर्ज की गई। हालांकि, 40% बिना बिके मकान अकेले मुंबई मेट्रो रीजन (MMR) में थे।

    बड़े मकानों और बेहतर सुविधाओं की मांग बढ़ी

    क्रेडाई नेशनल के अध्यक्ष बोमन ईरानी के अनुसार, "मकानों की कीमतों में बढ़ोतरी यह बताती है कि खरीदारों का भरोसा बना हुआ है। लोग अब बड़े घरों और बेहतर सुविधाओं वाले अपार्टमेंट्स को प्राथमिकता दे रहे हैं। इससे एकीकृत टाउनशिप और हाई-एंड प्रोजेक्ट्स की मांग बढ़ रही है।" उन्होंने यह भी बताया कि निर्माण लागत और ऊंची जमीन की कीमतें भी इस वृद्धि के प्रमुख कारण हैं।

    2025 में भी कीमतों में तेजी की संभावना

    कोलियर्स इंडिया के CEO बादल याग्निक का कहना है, "दिल्ली-एनसीआर और बेंगलुरु जैसे शहरों में लग्जरी और अल्ट्रा-लग्जरी सेगमेंट की मांग बढ़ने से कीमतों में सबसे ज्यादा उछाल आया है।" रेपो रेट में कटौती और सरकारी योजनाओं से किफायती मकानों की मांग बढ़ने की उम्मीद है। अगर ब्याज दरें घटती हैं, तो मकानों की बिक्री तेज होगी और 2025 में भी कीमतों में इसी तरह की 10% सालाना वृद्धि जारी रह सकती है।

    शीर्ष शहरों में दिल्ली-एनसीआर सबसे आगे

    दिल्ली-एनसीआर की बात करें, तो द्वारका एक्सप्रेसवे पर 58% की सालाना वृद्धि हुई। ग्रेटर नोएडा में 52% की कीमतों में उछाल देखा गया। वहीं, जेवर इंटरनेशनल एयरपोर्ट के कारण आसपास के इलाकों में कीमतों में और बढ़ोतरी की संभावना है।

    इसके अलावा बेंगलुरु, अहमदाबाद और पुणे में इन्फ्रास्ट्रक्चर सुधार और बेहतर कनेक्टिविटी के चलते मकानों की कीमतों में 15% तक की वृद्धि देखी गई। बेंगलुरु के आउटर वेस्ट और पेरिफेरी इलाकों में रेडी-टू-मूव मकानों की मांग बढ़ी है। पुणे के बानेर और नगर रोड जैसे क्षेत्रों में भी कीमतों में तेजी रही।

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