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Sugar Export from India: अब नए पेराई सीजन की तैयारी; चीनी के निर्यात पर सरकार ने टाला फैसला, क्‍या है इसकी वजह

Sugar Export from India सरकार ने चीनी निर्यात पर फैसला टाल दिया है। अब नया पेराई सीजन शुरू होने से पहले इस बारे में घोषणा की जा सकती है। सरकार ने क्‍यों टाला फैसला वजहें जानने के लिए पढ़ें यह रिपोर्ट...

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 28 Aug 2022 06:34 PM (IST)Updated: Sun, 28 Aug 2022 07:08 PM (IST)
Sugar Export from India: अब नए पेराई सीजन की तैयारी; चीनी के निर्यात पर सरकार ने टाला फैसला, क्‍या है इसकी वजह
सरकार ने चीनी के निर्यात पर फैसला टाल दिया है।

सुरेंद्र प्रसाद सिंह, नई दिल्ली। जिंस बाजार में महंगाई, चीनी की घरेलू खपत, एथनाल उत्पादन में जाने वाली चीनी की मात्रा और कैरीओवर स्टॉक पोजिशन के आकलन के बाद ही सरकार चीनी निर्यात का फैसला करेगी। चीनी उद्योग का आग्रह 80 लाख टन चीनी निर्यात करने के साथ उसे कोटा प्रणाली के बजाय ओपेन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) श्रेणी में डालने का है। जबकि सरकार घरेलू बाजार की महंगाई को देखते हुए कोई फैसला लेगी। 

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नया पेराई सीजन शुरू होने से पहले एलान कर सकती है सरकार

सूत्रों की मानें तो एक अक्तूबर को नया पेराई सीजन शुरू होने से पहले सरकार इसकी घोषणा कर सकती है। आगामी पेराई सीजन के चालू होने के समय चीनी का ओपेनिंग स्टॉक पिछले कई सालों के निचले स्तर 60 लाख टन है। चालू सीजन 2021-22 के दौरान कुल 112 लाख टन चीनी का निर्यात किया जा चुका है। जबकि अगले चीनी वर्ष 2022-23 के दौरान 80 लाख टन से अधिक चीनी निर्यात की संभावना नहीं है।

...ताकि भुगतान में नहीं आएं मुश्किलें 

इंडियन शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) ने आगामी पेराई सीजन में कुल 400 लाख टन चीनी उत्पादन का अनुमान लगाया गया है। जबकि वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 394 लाख टन चीनी का उत्पादन किया गया था। उद्योग संगठन का कहना है कि चीनी निर्यात के एडवांस सौदे होने से मिलों के समक्ष नगदी संकट नहीं होगा जिससे गन्ना किसानों को आगामी सीजन में भुगतान में कोई मुश्किल पेश नहीं आएगा।

...ताकि वायदा कारोबार को मिले मजबूती 

इसी के मद्देनजर चीनी उद्योग संगठन ने सरकार से आगामी सीजन में चीनी निर्यात को ओजीएल की श्रेणी में रखने का आग्रह किया है, ताकि चीनी मिलें निर्यात का फ्यूचर अनुंबध कर सकें। चालू सीजन 2021-22 के खत्म होने के साथ चीनी का कैरीओवर स्टॉक घटकर 60 लाख टन रह जाएगा। यही अगले सीजन का ओपेनिंग स्टॉक होगा। जबकि पिछले कई पेराई सीजन की शुरुआत में चीनी का ओपेनिंग स्टॉक 80 से 100 लाख टन के आसपास बना रहता था।

क्‍या कहते हैं पूर्वानुमान 

दरअसल, आगामी पेराई सीजन में 400 लाख टन चीनी उत्पादन होने का अनुमान जरूर व्यक्त किया गया है। लेकिन इस बार एथनाल उत्पादन में 45 लाख टन चीनी के चले जाने का अनुमान है। जबकि चीनी की घरेलू खपत 275 लाख टन होने का अनुमान है। इस हिसाब से 80 लाख टन चीनी निर्यात के बाद उसके अगले सीजन (2023-24 ) का कैरीओवर स्टॉक फिर वही 60 लाख टन ही बचेगा।

सरकार के पास स्‍टाक बढ़ाने का नहीं है विकल्‍प 

लिहाजा सरकार के पास चीनी निर्यात के स्टॉक को बढ़ाने का विकल्प नहीं बचा है। दरअसल, घरेलू बाजार में चीनी की कीमतों में महंगाई को सरकार कभी नहीं बढ़ने देना चाहेगी।

अक्‍टूबर नवंबर में फैसला संभव 

खाद्य मंत्रालय और चीनी उद्योग के बीच इस बारे में विस्तार से वार्ता हो चुकी है। मंत्रालय चीनी की मांग और आपूर्ति का आकलन करा रही है। इसके बाद ही सरकार अक्तूबर और नवंबर में चीनी निर्यात के तौर तरीके बारे में कोई पुख्ता फैसला ले सकती है कि उसके निर्यात को किस श्रेणी में रखा जाए। फिलहाल तो सरकार ने चीनी निर्यात के लिए कोटा प्रणाली अपना रही है। जबकि चीनी उद्योग ने इसे ओजीएल में रखना चाहता है। 


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