जीएसटी प्रमाण है, हम सबको साथ लेकर चलना चाहते हैं: प्रणब मुखर्जी
राष्ट्रपति ने जीएसटी लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की प्रशंसा की है
नई दिल्ली (जेएनएन)। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने देश में आजादी के बाद सबसे बड़े कर सुधार वस्तु व सेवा कर (जीएसटी) लाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली की प्रशंसा की है। मुखर्जी ने इसके लिए केंद्र सरकार की सराहना की है और इस कदम को प्रभावी तंत्र करार दिया। बृहस्पतिवार को ‘द इंस्टीट्यूट ऑफ कास्ट अकाउंट्स ऑफ इंडिया’ (आइसीएआइ) के ग्लोबल समिट के उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति ने कहा, ‘मैं जीएसटी को संभव बनाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली का धन्यवाद करता हूं। इससे पता चलता है कि हम सभी को साथ लेकर चलना चाहते हैं। यह दर्शाता है कि हम विलंब से चल सकते हैं, लेकिन जो करेंगे वह स्थिर होगा।’
राष्ट्रपति ने कहा शुक्रवार से जब प्रधानमंत्री इस नई प्रणाली को शुरू करेंगे तो पूरा देश जीएसटी के तहत आ जाएगा। राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि उन्होंने साल 2011 में संप्रग सरकार में बतौर वित्त मंत्री जीएसटी लाने की कोशिश की थी, लेकिन वे असफल रहे थे। उन्होंने मोदी सरकार की मेक इन इंडिया, स्टार्टअप इंडिया, क्लीन इंडिया, डिजिटल इंडिया जैसे अभियान को भविष्य के लिए अच्छा बताया और कहा कि यह देश को आगे ले जाने में सहायक होंगे। मुखर्जी ने साल के शुरुआत में आम बजट पेश करने पर केंद्र सरकार की सराहना की। वहीं, कार्यक्रम में उपस्थित केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि एक जुलाई को सीए दिवस के मौके पर आजादी के बाद सबसे बड़ा आर्थिक सुधार लागू होने जा रहा है।
बोले- राष्ट्रपति के तौर पर आखिरी बार कोलकाता आया हूं
बृहस्पतिवार को राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने महानगर में कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया। प्रणब मुखर्जी ने कहा कि बतौर राष्ट्रपति यह मेरी अंतिम कोलकाता यात्रा होगी। वह मूल रूप से पश्चिम बंगाल के बीरभूम जिला स्थित कीर्णाहार के रहने वाले हैं।
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