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    अब आसान नहीं होगा लोन लेते समय धोखाधड़ी करना, बैंक को पल भर में मिल जाएगी आपकी पूरी डिटेल

    कर्ज लेने वाले संभावित आवेदकों और फंसे हुए कर्ज के पूर्व सत्यापन यानी बैकग्राउंड चेक के लिए सेंट्रल इकोनमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (सीईआइबी) ने शुक्रवार को एक नया पोर्टल लांच किया। इस पोर्टल की मदद से बैंकों को कर्ज वितरण के लिए खुफिया मंजूरी प्रक्रिया में आसानी होगी। 50 करोड़ या इससे ज्यादा कर्ज देने से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों को सीईआइबी से खुफिया रिपोर्ट लेनी अनिवार्य है।

    By Jagran News Edited By: Jagran News NetworkUpdated: Fri, 23 Feb 2024 08:36 PM (IST)
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    इस पोर्टल की मदद से बैंकों को कर्ज वितरण के लिए खुफिया मंजूरी प्रक्रिया में आसानी होगी।

    पीटीआई, नई दिल्ली। कर्ज लेने वाले संभावित आवेदकों और फंसे हुए कर्ज के पूर्व सत्यापन यानी बैकग्राउंड चेक के लिए सेंट्रल इकोनमिक इंटेलिजेंस ब्यूरो (सीईआइबी) ने शुक्रवार को एक नया पोर्टल लांच किया। इस पोर्टल की मदद से बैंकों को कर्ज वितरण के लिए खुफिया मंजूरी प्रक्रिया में आसानी होगी।

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    इंडियन बैंक्स एसोसिएशन ने एक बयान में कहा कि इसका उद्देश्य बैंकों को कर्ज मंजूरी के संबंध में समय पर निर्णय लेने के लिए जानकारी तक जल्द पहुंच प्रदान करना है। बड़े मूल्य वाली बैंक धोखाधड़ी का समय पर पता लगाने संबंधी मौजूदा नियमों के अनुसार, 50 करोड़ रुपये या इससे ज्यादा का नया कर्ज देने से पहले सार्वजनिक क्षेत्र के सभी बैंकों (पीएसबी) को सीईआइबी से खुफिया रिपोर्ट लेनी अनिवार्य है।

    इस प्रक्रिया को डिजिटलाइज करने के लिए सीईआइबी ने एसबीआइ के सहयोग से डिजिटल प्लेटफार्म बनाया है। इसकी मदद से सभी पीएसबी सीईआइबी से आवश्यक खुफिया रिपोर्ट कम समय में ले सकेंगे।

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    पूर्व सत्यापन रिपोर्ट धोखाधड़ी गतिविधियों से जुड़े जोखिमों को कम करती है। साथ ही बैंकों को समय पर इनपुट सुनिश्चित करती है। यह बैकों को जोखिम मूल्यांकन और उससे निपटने का उपाय सुझाने में भी कारगर साबित हो सकती है।

    CEIB की नींव 1985 में रखी गई थी। यह आर्थिक खुफिया जानकारी के लिए नोडल एजेंसी है, जिसे आर्थिक अपराधों के मामलों में संबंधित एजेंसियों के बीच उचित तालमेल से काम कराने का अधिकार दिया गया है।

    यह सभी आर्थिक खुफिया जानकारी के क्लियरेंस हाउस के रूप में भी काम करता है। साथ ही राजस्व विभाग के भीतर अलग-अलग एजेंसियों और आईबी, रॉ, सीबीआई आदि सहित अन्य खुफिया और प्रवर्तन एजेंसियों के बीच इस तरह के आदान-प्रदान के लिए एक मंच उपलब्ध कराता है।