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    इस मशहूर पर्यटन स्‍थल पर अब रात में भी उतर सकेंगे विमान, हर साल पहुंचते हैं लाखों टूरिस्‍ट

    Updated: Tue, 30 Apr 2024 01:45 PM (IST)

    हर साल लगभग 5 लाख टूरिस्ट पोर्ट ब्लेयर आते हैं। वर्तमान में अंडमान-निकोबार द्वीप समूह के पोर्ट ब्लेयर स्थित वीर सावरकर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट पर केवल दिन में फ्लाइट लैंड और टेक-ऑफ होती है। रात को भी फ्लाइट उतर सके इसके लिए Project MAFI शुरू किया गया है। इस प्रोजेक्ट को लेकर एक अधिकारी ने बताया कि बीते कुछ दिनों में इस प्रोजेक्ट में तेजी देखने को मिली है।

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    इस मशहूर पर्यटन स्‍थल पर अब रात में भी उतर सकेंगे विमान

    पीटीआई, नई दिल्ली। भारत के अंडमान और निकोबार द्वीप समूह (Andaman and Nicobar Islands) पर हर साल लाखों टूरिस्ट आते हैं। खूबसूरत नजारों वाली यह जगह मालदीव (Maldives) से कम  नहीं है। अंडमान और निकोबार की राजधानी पोर्ट ब्लेयर भी टूरिस्ट (Port Blair Tourism) को काफी पसंद आता है।

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    यहां समुद्री राष्ट्रीय उद्यान के साथ शांत समुद्री तटों का भी अनुभव लिया जा सकता है। अंडमान और निकोबार द्वीप पर टूरिस्ट को सभी सुविधा मिले इसके लिए सरकार कई कदम उठा रही है। इसमें से एक है मॉडर्न एयरपोर्ट। वर्तमान में पोर्ट ब्लेयर के एयरपोर्ट पर केवल दिन में ही फ्लाइट लैंड या फिर टेक-ऑफ करती है।

    रात में फ्लाइट के लैंड या टेक-ऑफ के लिए 'प्रोजेक्ट MAFI' शुरू किया गया। इस प्रोजेक्ट की प्रगति को लेकर एक अधिकारी ने कहा कि जल्द ही पोर्ट ब्लेयर के एयरपोर्ट पर रात में भी फ्लाइट लैंड या टेक-ऑफ करेगी। बीते कुछ दिनों में इस प्रोजेक्ट में प्रगति देखने को मिली है।

    अधिकारी ने कहा कि एयरफील्ड लाइटिंग सिस्टम (AFLS) के पूरा हो जाने के बाद अब पोर्ट ब्लेयर के आईएएनएस के उत्क्रोश एयरफील्ड पर मौजूद वीर सावरकर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे (Veer Savarkar International Airport) पर रात को भी फ्लाइट लैंड और टेक-ऑफ कर पाएगी।

    क्या है Project MAFI

    नई दिल्ली में नौसेना मुख्यालय और अंडमान और निकोबार कमांड (सीआईएनसीएएन) के कमांडर-इन-चीफ एयर मार्शल सजु बालाकृष्णन की देखरेख में आईएनएस उत्क्रोश (INS Utkrosh) 'प्रोजेक्ट MAFI' शुरू किया गया।

    इस प्रोजेक्ट में एयरपोर्ट पर बुनियादी ढांचे के आधुनिकीकरण के लिए कई उपकरण को इंस्टॉल किया गया।

    एक वरिष्ठ कमांड अधिकारी ने कहा कि टैक्टिकल एयर नेविगेशन सिस्टम (TACAN) और प्रिसिजन एप्रोच रडार (PAR) के चालू होने से उत्क्रोश एयरफील्ड में सैन्य उड़ानों की "सुरक्षा और संचालन के मामले में बड़ी छलांग" लगी है।

    उत्क्रोश एयरफील्ड पर दिन और रात दोनों परिचालनों के लिए एएफएलएस, टैकन और पीएआर सिस्टम पूरी तरह सक्षम है। ये सिस्टम फ्लाइट कनेक्टिविटी में सुधार और उड़ान योजना को मजबूत करने की दिशा में महत्वपूर्ण हैं।

    कमांड अधिकारी ने निजी एयरलाइन ऑपरेटरों से पोर्ट ब्लेयर हवाई अड्डे पर रात्रि लैंडिंग और टेक-ऑफ सुविधाओं का लाभ उठाने का भी आग्रह किया।

    भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने हाल ही में खराब दृश्यता में विमानों को उतारने में मदद करने के लिए हवाई अड्डे पर एप्रोच लाइटिंग सिस्टम (ALS), प्रिसिजन एप्रोच पाथ इंडिकेटर (PAPI) और इंस्ट्रूमेंट लैंडिंग सिस्टम (ILS) इंस्टॉल किया था।

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    हवाई अड्डे के निदेशक देवेन्द्र यादव ने न्यूज एजेंसी पीटीआई को बताया कि

    वीएसआई एयरपोर्ट अब आधुनिक टेक्नोलॉजी से सुसज्जित है। एयरपोर्ट पर मौजूद मॉडर्न टेक्नोलॉजी रात, खराब मौसम और कम दृश्यता के दौरान भी सुचारू रूप से विमान संचालन करने में मदद करेगा।

    इसके आगे उन्होंने कहा कि पहले हमने खराब मौसम और खराब दृश्यता के कारण महत्वपूर्ण उड़ानों में बदलाव देखा है। इस बदलाव से यात्रियों को परेशानी होती है। फ्लाइट डायवर्जन लागत की वजह से भी हवाई किराए में बढ़ोतरी होती है। ऐसे में अब आईएलएस पर रात को लैंडिंग की सुविधा मिलने से हवाई किराए में भी कमी आ सकती है।

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