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    PNB ग्राहकों से दोबारा पुष्टि के बाद ही करेगा 10 लाख रुपये से ऊपर के चेक का निपटान

    By NiteshEdited By:
    Updated: Wed, 02 Mar 2022 06:37 AM (IST)

    PNB ने 10 लाख रुपये और उससे अधिक के मूल्य के चेक के भुगतान के नियम में बदलाव किया है। यह 4 अप्रैल से लागू होगा ग्राहकों को धोखाधड़ी से बचाने के लिए 4 अप्रैल 2022 से PPS को अनिवार्य कर दिया जाएगा।

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    PNB to clear cheques of Rs 10 lakh and above after customer confirmation from April 4

    नई दिल्ली, पीटीआइ। पंजाब नेशनल बैंक (PNB) चार अप्रैल से पॉजिटिव पे सिस्टम (PPS) के तहत जारीकर्ता के साथ दोबारा पुष्टि के बाद 10 लाख रुपये और उससे अधिक के मूल्य के चेक का भुगतान करेगा। पीएनबी ने मंगलवार को कहा कि बैंक ग्राहकों को बड़े मूल्य के चेक धोखाधड़ी से बचाने के लिए, 4 अप्रैल, 2022 से PPS को अनिवार्य कर देगा। बैंक ने आरबीआई के दिशानिर्देशों के अनुसार 1 जनवरी, 2021 से सीटीएस क्लीयरिंग में प्रस्तुत 50,000 रुपये और उससे अधिक के चेक के लिए पीपीएस की शुरुआत की।

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    दरअसल, बैंकिंग नियामक ने कहा था कि सुविधा का लाभ उठाना खाताधारक के विवेक पर है और बैंक 5 लाख रुपये और उससे अधिक के चेक मूल्य के लिए इसे अनिवार्य बनाने पर विचार कर सकते हैं। पीएनबी ने कहा कि 10 लाख रुपये और उससे अधिक के चेक के लिए अब अगले महीने से पीपीएस अनिवार्य हो जाएगा। नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा विकसित PPS के अनुसार, उच्च मूल्य का चेक जारी करने वाले ग्राहक को कुछ जरूरी डिटेल की दोबारा पुष्टि करनी होती है। भुगतान से पहले चेक को क्लीयरिंग में प्रस्तुत करते समय डिटेल को क्रॉस-चेक किया जाता है।

    बैंक ने कहा कि उसके ग्राहकों को पीपीएस के तहत उच्च मूल्य के चेक को क्लीयरिंग के लिए खाता संख्या, चेक नंबर, अल्फा कोड, जारी करने की तारीख, राशि, लाभार्थी का नाम जैसे डिटेल देने होंगे। चेक को क्लीयरिंग के लिए देने से कम से कम 24 घंटे पहले इन डिटेल को बैंक के साथ साझा करना होगा। ग्राहक अपने इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल बैंकिंग, एसएमएस बैंकिंग या अपनी होम ब्रांच के माध्यम से निर्धारित प्रारूप में डिटेल साझा कर सकते हैं। पिछले साल, RBI ने बैंकों को PPS सिस्टम लागू करने के लिए दिशा-निर्देश जारी किए थे, ताकि ग्राहकों को उच्च मूल्य के चेक के धोखाधड़ी संग्रह से बचाया जा सके। RBI ने बैंकों को निर्देश दिया था कि वे सभी खाताधारकों के लिए 50,000 रुपये और उससे अधिक की राशि के चेक जारी करने की सुविधा को सक्षम करें।