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    India Manufacturing PMI: मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में जारी है ग्रोथ, अप्रैल में 58.8 पर पहुंचा पीएमआई

    PMI Data देश के मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार तेजी देखने को जा रही है। अप्रैल महीने में परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआई) 58.8 पर आ गया। यह मार्च 2024 में 59.1 पर था। हालांकि भारत के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधि में कमी आई लेकिन फिर भी साढ़े तीन साल में परिचालन इसमें दूसरा सुधार देखने को मिला है। बढ़ती मांग की वजह से इस सेक्टर में तेजी देखने को मिली है।

    By Agency Edited By: Priyanka Kumari Updated: Thu, 02 May 2024 12:07 PM (IST)
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    India Manufacturing PMI: मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में जारी है ग्रोथ

    पीटीआई, नई दिल्ली। देश के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर (Manufacturing Sector) में ग्रोथ को लेकर हर महीने परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) जारी होता है। यह एक मासिक सर्वेक्षण के आधार पर तय होती है। अप्रैल महीने की पीएमआई जारी हो गई है।

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    एक मासिक सर्वेक्षण के अनुसार अप्रैल में भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधि में कमी आई, लेकिन फिर भी साढ़े तीन साल में परिचालन स्थितियों में दूसरा सबसे तेज सुधार दर्ज किया गया। यह ग्रोथ भारी मांग की वजह से आई है।

    मौसमी रूप से समायोजित एचएसबीसी इंडिया मैन्युफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) मार्च में 59.1 से गिरकर अप्रैल में 58.8 पर आ गया, जो साढ़े तीन साल में सेक्टर की सेहत में दूसरे सबसे अच्छे सुधार का संकेत है।

    परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (PMI) की भाषा में, 50 से ऊपर का मतलब विस्तार है जबकि 50 से नीचे का स्कोर संकुचन को दर्शाता है।

    एचएसबीसी में मुख्य भारत अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी के अनुसार मजबूत मांग की स्थिति के परिणामस्वरूप प्रोडक्शन में विस्तार हुआ, हालांकि मार्च की तुलना में थोड़ा धीमा।

    पीएमआई रिपोर्ट

    भारतीय मैन्युफैक्चरर ने अप्रैल में घरेलू और बाहरी ग्राहकों से अपने माल की मजबूत मांग दर्ज की। रिपोर्ट में कहा गया है कि कुल नए ऑर्डर तेजी से बढ़े। यह विस्तार 2021 की शुरुआत के बाद से दूसरी सबसे मजबूत गति में है। इसका मतलब है कि मैन्यूफैक्चरिंग सेक्टर में लगातार तेजी देखने को मिली।

    इसके अलावा अप्रैल में नए एक्सपोर्ट ऑर्डरों में उल्लेखनीय वृद्धि हुई, हालांकि कुल बिक्री की तुलना में यह नरम दर पर है। सेक्टर में आई ग्रोथ यह दर्शाता है कि घरेलू बाजार विकास का मुख्य चालक बना रहा।

    सर्वेक्षण में आगे कहा गया है कि भारतीय सामान उत्पादकों ने वर्तमान स्तर के सापेक्ष आने वाले वर्ष में उच्च उत्पादन का अनुमान लगाया है। इसके अलावा मांग में तेजी बनी रहने की उम्मीद के कारण अप्रैल में कारोबारी विश्वास मजबूत हुआ।

    मांग में वर्तमान और अपेक्षित सुधार को पूरा करने के लिए निर्माताओं ने पहली वित्तीय तिमाही की शुरुआत में अतिरिक्त कर्मचारियों को काम पर रखा।