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    पीएम मोदी ने लाल किले से किया 'Gati Shakti' कार्यक्रम का एलान, जानिए इस योजना से जुड़ी खास बातें

    By Abhishek PoddarEdited By:
    Updated: Sun, 15 Aug 2021 04:31 PM (IST)

    प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर किया Gati Shakti कार्यक्रम का ऐलान। लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा गति शक्ति नामक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम से उद्योगों की उत्पादकता को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।

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    पीएम मोदी ने लाल किले से किया 'Gati Shakti' कार्यक्रम का एलान

    नई दिल्ली, रायटर्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 'भारत 100 ट्रिलियन रुपये (1.35 ट्रिलियन डॉलर) की राष्ट्रीय बुनियादी ढांचा योजना शुरू करेगा। इसके जरिए रोजगार पैदा करने और देश के जलवायु लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए स्वच्छ ईंधन के उपयोग का विस्तार करने में मदद हासिल होगी।' प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस समारोह के अवसर पर लाल किले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा, "गति शक्ति नामक बुनियादी ढांचा कार्यक्रम से उद्योगों की उत्पादकता को बढ़ावा देने और अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।"

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    प्रधानमंत्री ने कहा कि, "हम गति शक्ति के लिए एक मास्टरप्लान लॉन्च करेंगे, यह एक बड़ा कार्यक्रम है, जो कि सैकड़ों-हजारों लोगों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करेगा। यह योजना स्थानीय निर्माताओं को विश्व स्तर पर प्रतिस्पर्धा करने और भविष्य के आर्थिक विकास के नए रास्ते बनाने में मदद करेगी।"

    भारत वर्तमान समय में एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है, और इसके बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देना प्रधानमंत्री की योजना के केंद्र में है। प्रधानमंत्री की इस पहल से देश को COVID-19 महामारी से खराब हुई तेज आर्थिक गिरावट से वापस उबरने में सहायता मिलेगी। पिछले वित्तीय वर्ष में, कोरोना महामारी के तेजी से बढ़ते संक्रमण और लॉकडाउन के कारण भारत के आर्थिक उत्पादन में रिकॉर्ड गिरावट आई थी। इसके बाद COVID-19 की दूसरी लहर की वजह से भी आर्थिक सुधारों की गति प्रभावित हुई थी।

    प्रधानमंत्री ने साल 2047 तक ऊर्जा के क्षेत्र में स्वतंत्र बनने का लक्ष्य भी निर्धारित किया। उन्होंने कहा कि "ऊर्जा के क्षेत्र में स्वतंत्र बनने के लक्ष्य को विद्युत गतिशीलता के मिश्रण के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है, हमारा देश गैस आधारित अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ रहा है और यह देश को हाइड्रोजन उत्पादन का केंद्र बना सकता है। देश ऊर्जा के आयात पर सालाना 12 ट्रिलियन रुपये से भी अधिक खर्च करता है जिस कारण से ऊर्जा क्षेत्र में स्वतंत्र होना महत्वपूर्ण और आवश्यक है।"

    प्रधानमंत्री ने सरकार की स्वच्छ ऊर्जा योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए एक राष्ट्रीय हाइड्रोजन मिशन शुरू करने की भी घोषणा की। उन्होंने कहा, "भारत अपने जलवायु लक्ष्यों को हासिल करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है।"