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    प्रधानमंत्री मोदी ने नए बिजनेस, वर्क कल्चर के लिए दिए पांच मंत्र, विस्तार से जानें पीएम ने क्या कहा

    प्रधानमंत्री मोदी ने नए बिजनेस मॉडल्स और वर्क कल्चर को अंग्रेजी के पांच vowels(स्वर अक्षरों) में परिभाषित किया है।

    By Ankit KumarEdited By: Updated: Tue, 21 Apr 2020 07:24 AM (IST)
    प्रधानमंत्री मोदी ने नए बिजनेस, वर्क कल्चर के लिए दिए पांच मंत्र, विस्तार से जानें पीएम ने क्या कहा

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा है कि कोविड-19 की वजह से इस सदी के तीसरे दशक की बहुत उथल-पुथल भरी शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा है कि कोरोनावायरस की वजह से प्रोफेशनल्स की जिंदगी में उल्लेखनीय बदलाव हुआ है। प्रधानमंत्री मोदी के मुताबिक इन दिनों घर हमारे लिए नए ऑफिस बन गए हैं व इंटरनेट हमारे लिए नए मीटिंग रूप बन गए हैं। लिंक्डइन पर एक पोस्ट लिखकर प्रधानमंत्री ने ये बातें कही हैं। 'Life in the era of COVID-19' शीर्षक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस समय दुनिया नए बिजनेस मॉडल्स की दिशा में बढ़ रही है। उन्होंने कहा कि भारत युवाओं का देश है और नए वर्क कल्चर की शुरुआत की अगुवाई कर सकता है। इस पोस्ट में उन्होंने प्रोफेशनल्स को काम पर फोकस रखने के साथ-साथ स्वस्थ रहने के भी कुछ टिप्स दिए।  

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    प्रधानमंत्री मोदी ने नए बिजनेस मॉडल्स और वर्क कल्चर को अंग्रेजी के पांच 'vowels'(स्वर अक्षरों) में परिभाषित किया है। उन्होंने कहा है कि कोविड-19 के खत्म होने के बाद ये पांचों पहलू किसी भी बिजनेस मॉडल के अहम हिस्सा होंगे।  

    प्रधानमंत्री मोदी ने इन पांच पहलुओं की बात की हैः 

    1. Adaptability (अनुकूलन क्षमता)

    इस समय ऐसे बिजनेस और लाइफस्टाइल मॉडल को अपनाने की जरूरत है, जिन्हें आसानी से अपनाया जा सकता है। ऐसा करने से संकट के समय में भी हमारे कार्यालय, बिजनेस और कॉमर्स आसानी से जारी रहेंगे और साथ ही लोगों की जान भी सुरक्षित रहेगी। डिजिटल पेमेंट एडेप्टिब्लिटी का सबसे अच्छा उदाहरण है। बड़े या छोटे दुकानदारों को ऐसे डिजिटल टूल्स में निवेश करना चाहिए, जिसकी मदद से वे मुश्किल के समय में भी अपना कारोबार जारी रख सकें। भारत में डिजिटल लेनदेन में उत्साहजनक बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। 

    टेलीमेडिसिन इसका एक और उदाहरण है।  

    2. Efficiency (दक्षता)

    संभवतः यह दक्षता या कुशलता को नए सिरे से परिभाषित करने का समय है। दक्षता का आकलन केवल इस बात से नहीं लगाया जाना चाहिए कि ऑफिस में कितना समय व्यतीत किया गया। हमें ऐसे मॉडल्स के बारे में सोचना चाहिए, जहां प्रोडक्टिविटी यानी उत्पादकता और दक्षता दिखने वाले प्रयास के मुकाबले ज्यादा महत्वपूर्ण हों। 

    3. Inclusivity (समावेशिता)

    अब ऐसे बिजनेस मॉडल विकसित किए जाने का समय है, जिसमें गरीबों, वंचितों के साथ धरती का भी ध्यान रखा जाए। कोविड-19 ने हमें यह अहसास दिलाया है कि इस समय कम लागत के साथ बड़े स्तर पर हेल्थ सॉल्यूशन पर काम किए जाने की जरूरत है।  

    4. Opportunity (अवसर)

    हर संकट के साथ कुछ अवसर भी पैदा होते हैं। कोविड-19 भी इसी तरह का एक संकट है। अब यह आकलन करने का समय है कि हम किन क्षेत्रों में नए अवसर और वृद्धि की संभावनाएं तलाश सकते हैं।  

    5. Universalism (सार्वभौमिकता)

    कोविड-19 नस्ल, धर्म, जाति, भाषा या सीमा देखकर नहीं फैलता है। हमारे रेस्पांस और आचरण में एकता और भाईचारा दिखना चाहिए। हम एकसाथ हैं।