Move to Jagran APP

प्रधानमंत्री मोदी के अभियान सौभाग्य योजना के तहत 2.82 करोड़ परिवारों को मिला बिजली कनेक्शन

प्रधानमंत्री मोदी के अभियान सौभाग्य योजना के तहत 2.82 करोड़ परिवारों को बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है। बिजली मंत्रालय ने बयान देते हुए यह कहा है कि इसके शुरू होने के बाद इस साल 31 मार्च तक 2.82 करोड़ घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है।

By Abhishek PoddarEdited By: Published: Sat, 25 Sep 2021 12:40 PM (IST)Updated: Sat, 25 Sep 2021 12:40 PM (IST)
प्रधानमंत्री मोदी के अभियान सौभाग्य योजना के तहत 2.82 करोड़ परिवारों को मिला बिजली कनेक्शन
सौभाग्य योजना के तहत अब तक 2.82 करोड़ परिवारों को बिजली का कनेक्शन हासिल हो चुका है।

नई दिल्ली, पीटीआइ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के द्वारा शुरू किए गए अभियान, सौभाग्य योजना के तहत अब तक 2.82 करोड़ परिवारों को बिजली का कनेक्शन हासिल हो चुका है। बिजली मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी उपलब्ध कराई है। सौभाग्य योजना के चार साल पूरे होने पर एक बयान जारी करते हुए बिजली मंत्रालय ने यह कहा है कि, "इस योजना के शुरू होने के बाद से, इस साल 31 मार्च तक, 2.82 करोड़ घरों में बिजली का कनेक्शन दिया जा चुका है। मार्च 2019 तक, देश के ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में 2.63 करोड़ घरों को 18 महीने के रिकॉर्ड समय में बिजली का कनेक्शन प्रदान किया गया था।"

loksabha election banner

"इसके बाद, सात राज्यों असम, छत्तीसगढ़, झारखंड, कर्नाटक, मणिपुर, राजस्थान और उत्तर प्रदेश राज्यों में, 31 मार्च, 2019 से पहले चिन्हित किए गए लगभग 18.85 लाख बिना बिजली कनेक्शन वाले घर, जो पहले कनेक्शन नहीं लेना चाहते थे, लेकिन बाद में उन्होंने बिजली कनेक्शन प्राप्त करने की इच्छा जाहिर की थी। इस तरह के घर भी इस योजना के तहत शामिल थे।"

क्या है सौभाग्य योजना

सौभाग्य योजना की घोषणा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 25 सितंबर, 2017 को की थी और यह दुनिया के सबसे बड़े घरेलू विद्युतीकरण अभियानों में से एक है। इस योजना का उद्देश्य अंतिम छोर तक कनेक्टिविटी के जरिए देश में 'सार्वभौमिक घरेलू विद्युतीकरण' प्राप्त करना है। इसके साथ ही, ग्रामीण क्षेत्रों के उन सभी घरों और क्षेत्रों में बिजली कनेक्शन देना है, जिन घरों और शहरी क्षेत्रों में गरीब परिवारों तक बिजली कनेक्शन नहीं पहुंचा है।

इस योजना की शुरुआत करते हुए, प्रधानमंत्री ने "नए युग के भारत" में बिजली कनेक्शन प्रदान करने और इक्विटी, दक्षता और स्थिरता की दिशा में काम करने का संकल्प लिया था। इस योजना के तहत कुल बजट 16,320 करोड़ रुपये का था, जबकि सकल बजटीय सहायता (जीबीएस) 12,320 करोड़ रुपये की थी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.