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    PM GatiShakti: 250 से अधिक इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को NPG के द्वारा जांचा गया, समय और पैसे की हो रही बचत

    By AgencyEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Sun, 20 Nov 2022 12:15 PM (IST)

    PM GatiShakti केंद्र सरकार की पीएम गतिशक्ति योजना के तहत नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) का गठन किया गया है। सभी विभागों को किसी प्रोजेक्ट प्लानिंग के दौरान ही डीपीआर बनाने से पहले उसके लिए एनपीजी से अनुमति लेनी होती है।

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    PM GatiShakti: Over 250 infra projects examined by NPG since Oct 2021 (Jagran File Photo)

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय की ओर से बताया गया कि अक्टूबर 2021 से अब तक रेल, रोड और पोर्ट के साथ कई विभागों के करीब 250 महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की जांच नेटवर्क प्लानिंग ग्रुप (NPG) के द्वारा की गई है। बता दें, एनपीजी को पीएम गतिशक्ति योजना के तहत गठित किया गया था।

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    प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अक्टूबर को लॉजिस्टिक लागत को कम करने के लिए एकीकृत बुनियादी ढांचे के विकास के उद्देश्य से गतिशक्ति - नेशनल मास्टर प्लान का शुभारंभ किया था। इसके बाद 500 करोड़ रुपये से अधिक के निवेश वाले सभी लॉजिस्टिक्स और कनेक्टिविटी इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स को पीएम गतिशक्ति पहल के तहत गठित एनपीजी के माध्यम से अनुमति दी जाती है।

    समय और पैसे की हो रही बचत

    नेशनल मास्टर प्लान पोर्टल, केंद्र और राज्य सरकारों को महत्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स की लागत और समय सीमा को कम करने में मदद करता है। इस पोर्टल का उपयोग केवल सरकारी एजेंसियों की ओर से किया जा सकता है और इसकी मदद से प्रोजेक्ट की प्लानिंग के बारे में और देरी के कारण को पता लगाया जा सकता है। इस पोर्टल से अब तक 26 राज्यों को जोड़ा जा चुका है।

    कैसे काम करता है NPG?

    सबसे पहले सभी विभागों को किसी प्रोजेक्ट प्लानिंग के दौरान ही डीपीआर बनाने से पहले उसके लिए एनपीजी से अनुमति लेनी होती है। एनपीजी की मंजूरी के बाद सामान्य प्रक्रिया का पालन करना होता है।

    इस प्रोजेक्ट के फायदे के बारे में अधिकारी ने उदाहरण देते हुए बताया कि अगर कोई नई लाइन रेलवे की ओर से बिछाई जा रही है, तो डीपीआर बनने से पहले पीएम गतिशक्ति नेशनल मास्टर प्लान पर पोर्टल पर प्रोजेक्ट के बारे में जानकारी दर्ज कर पता कर सकते हैं कि प्रस्तावित ट्रैक किस जमीन यानी सरकारी, निजी या फिर हाईवे से निकल रहा है। इसका फायदा यह है कि इससे मंत्रालयों के बीच में सांमजस्य बनाने में मदद मिलती है और काम पहले से मुकाबले जल्दी हो सकता है।

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