भारतीय रुपये ने दिखाया अधिक लचीलापन, हाल के वर्षों में हुआ सबसे कम मूल्यह्रास : पीयूष गोयल
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि निर्यातकों को अपने व्यापार के लिए रुपये की गिरती हुई कीमत पर निर्भर नहीं रहना चाहिए। इसके बजाय उन्हें ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने के लिए अपनी क्षमता से खड़ा होना चाहिए।
लॉस एंजेलिस, एजेंसी। केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि भारतीय रुपये ने हाल के वर्षों में अन्य मुद्राओं की तुलना में अधिक लचीलापन दिखाया है। इसका अवमूल्यन 2014 से पहले की तुलना में कम हुई है।
पीयूष गोयल ने यह भी कहा कि निर्यातकों को गिरते रुपये पर निर्भर नहीं रहना चाहिए और उन्हें उत्पादों की गुणवत्ता और वैश्विक बाजारों में ग्राहकों की जरूरतों को पूरा करने की अपनी क्षमता के आधार पर खड़ा होना चाहिए।
भारतीय रुपये ने दिखाया लचीलापन
गोयल ने मीडिया से बातचीत में कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि रुपये के लिए कोई आरामदायक या असुविधाजनक स्तर है। रुपया अपनी जगह स्थिर है। प्रत्येक देश में मुद्रास्फीति, पूंजी प्रवाह और जोखिम-रिवॉर्ड का अनुपात एक प्रक्रिया का हिस्सा है। मुझे खुशी है कि हाल के वर्षों में भारतीय रुपये ने अधिकांश मुद्राओं की तुलना में अधिक लचीलापन दिखाया है।'
यह पूछे जाने पर कि रुपये का आरामदायक स्तर क्या हो सकता है, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि यदि आप 2014 से पहले भारतीय रुपये को देखते हैं तो वर्तमान में भारतीय रुपये के मूल्य में ह्रास लगभग 2.5 प्रतिशत सीएजीआर CAGR (Compounded Annual Growth Rate) पर हो रहा है। इसका मतलब यह है कि भारतीय रुपये की मजबूती में उल्लेखनीय सुधार हुआ है।
बता दें कि सोमवार को शुरुआती कारोबार में भारतीय रुपया 79.67 रुपये प्रति अमेरिकी डॉलर पर कारोबार कर रहा था।
अपने दम पर डटे रहेंगे भारतीय निर्यातक
सामान्यीकृत टैरिफ वरीयता योजना (जीएसपी) के तहत निर्यात में वरीयता देने की यूरोपीय संघ की योजना के बारे में पूछे जाने पर गोयल ने विश्वास जताया कि भारतीय निर्यातक अपनी ताकत पर बाजार में डटे रहेंगे और सप्लाई चेन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
बता दें कि यूरोपीय संघ ने 8 बिलियन अमरीकी डालर मूल्य के प्लास्टिक, पत्थर, मशीनरी और यांत्रिक उपकरणों जैसे क्षेत्रों से जीएसपी लाभ हटा लिए हैं। यूरोपीय संघ द्वारा जीएसपी लाभों को हटाने के बाद भारत से निर्यात की जाने वालीं वस्तुओं को जनवरी 2023 से शुल्क में रियायत नहीं मिलेगी।
अमेरिका में व्यापार के मौके
पीयूष गोयल ने कहा कि भारत बिना जीएसपी (Generalised Tariff Preference Scheme- GSP) के अमेरिका के साथ व्यापार कर रहा है। इससे निर्यात को नुकसान नहीं हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ईयू के साथ मुक्त व्यापार समझौता वार्ता चल रही है। अमेरिका के साथ व्यापार के और विस्तार पर वाणिज्य मंत्री ने कहा कि अमेरिकी बाजार के आकार और वहां की संभावनाओं को देखते हुए अमेरिका में हर क्षेत्र भारतीय व्यवसायों के लिए एक अवसर है।
अमेरिका के साथ मौजूदा व्यापार अगले छह से आठ वर्षों में मौजूदा 159 अरब डॉलर से बढ़कर कम से कम 500 अरब डॉलर हो सकता है।
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