Petrol Diesel Consumption: फेस्टिवल सीजन और खरीफ फसल की बुवाई के चलते अक्टूबर में बढ़ी पेट्रोल-डीजल की खपत
Petrol Diesel Consumption अक्टूबर महीने में पेट्रोल-डीजल की खपत में बढ़ोतरी हुई है। इसकी वजह फेस्टिव सीजन औक कृषि गतिविधियों में हुई बढ़त को माना जा रहा है। पेट्रोल-डीजल के साथ एटीएफ की खपत में भी वृद्धि हुई है। आपको बता दें कि पिछले महीने अक्टूबर में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 5.3 फीसदी बढ़कर 2.49 मिलियन टन रही।

पीटीआई, नई दिल्ली। हर महीने पेट्रोल-डीजल की खपत के आंकड़े जारी होते हैं। फेस्टिव सीजन के शुरू होने के बाद पेट्रोल-डीजल की खपत में बढ़ोतरी हुई है। आज राज्य के स्वामित्व वाली कंपनियों के आंकड़े जारी किये हैं। इन आंकड़ों से पता चलता है कि पेट्रोल-डीजल की खपत में बढ़ोतरी हुई है। इससे पहले छमाही में पेट्रोल-डीजल की खपत में गिरावट आई है।
वहीं, पिछले साल इनकी खपत में बढ़ोतरी हुई थी। इस से कंपनियों के निश्चित वृद्धि दर में बढ़ोतरी दर्ज हुई है।
तीन सरकारी स्वामित्व वाले ईंधन खुदरा विक्रेताओं द्वारा पेट्रोल की बिक्री अक्टूबर में 3 प्रतिशत बढ़कर 2.87 मिलियन टन हो गई, जबकि डीजल की खपत 5 प्रतिशत बढ़कर 6.91 मिलियन टन हो गई। अक्टूबर की पहली छमाही में पेट्रोल की खपत साल-दर-साल 9 फीसदी और डीजल की बिक्री 3.2 फीसदी गिरी थी।
पिछले साल, दुर्गा पूजा/दशहरा के साथ-साथ दिवाली भी अक्टूबर में पड़ी थी। इस साल फेस्टिव सीजन खपत बढ़ी है।यह बढ़त अक्टूबर के दूसरे भाग में शुरू हुआ। इस साल अक्टूबर की पहली छमाही में पेट्रोल की खपत 1.17 मिलियन टन थी और दूसरी छमाही में यह 44 फीसदी अधिक थी।
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डीजल की खपत में वृद्धि
देश में सबसे अधिक खपत वाला ईंधन डीजल है। यह मांग का लगभग दो-पांचवां हिस्सा। इस साल पहली छमाही में डीजल की खपत 2.99 मिलियन टन थी जबकि महीने के दूसरे पखवाड़े में बिक्री दर 3.91 मिलियन टन थी। इस साल सितंबर में यह बिक्री दर 5.82 मिलियन टन की तुलना में महीने-दर-माह बिक्री 18.7 प्रतिशत बढ़ी।
डीजल की बिक्री आमतौर पर मानसून के महीनों में गिर जाती है। इसकी वजह है कि बारिश के कारण कृषि सेक्टर में मांग कम हो जाती है जो सिंचाई, कटाई और परिवहन के लिए ईंधन का उपयोग करता है। इसके अलावा बारिश के मौसम में वाहनों की गति धीमी हो जाती है। आपको बता दें कि पिछले तीन महीनों में डीजल की खपत में गिरावट आई है। वहीं, मानसून खत्म होने के बाद डीजल की खपत महीने-दर-महीने बढ़ गई।
इस साल अप्रैल और मई में डीजल की खपत क्रमशः 6.7 प्रतिशत और 9.3 प्रतिशत बढ़ गई थी। देश में कृषि मांग के बढ़नऔर गर्मियों की गर्मी से बचने के लिए कारों ने एयर कंडीशनिंग का सहारा लिया था। मानसून आने के बाद जून के दूसरे पखवाड़े में इसकी खपत में कमी आनी शुरू हुई। अब एक बार फिर से इनकी खपत में वृद्धि देखने को मिली है।
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पेट्रोल और एटीएफ की खपत में बढ़ोतरी
वहीं, अक्टूबर के दौरान पेट्रोल की खपत अक्टूबर 2021 की तुलना में 15.6 प्रतिशत अधिक और कोविड महामारी-पूर्व अक्टूबर 2019 की तुलना में 25.2 प्रतिशत अधिक थी। डीजल की खपत अक्टूबर 2021 की तुलना में 17.7 प्रतिशत और अक्टूबर 2019 की तुलना में 19.4 प्रतिशत अधिक थी।
हवाईअड्डों पर यात्री यातायात में निरंतर वृद्धि के साथ, अक्टूबर के दौरान जेट ईंधन की मांग पिछले वर्ष की समान अवधि की तुलना में 6.9 प्रतिशत बढ़कर 621,200 टन हो गई। यह अक्टूबर 2021 की तुलना में 38.3 प्रतिशत अधिक था, लेकिन प्री-कोविड अक्टूबर 2019 की तुलना में 5.9 प्रतिशत कम है। इस साल सितंबर 2023 में 603,600 टन की तुलना में महीने-दर-महीने जेट ईंधन की बिक्री लगभग 3 फीसदी अधिक थी।
एलपीजी की खपत में वृद्धि
पिछले महीने अक्टूबर में रसोई गैस एलपीजी की बिक्री सालाना आधार पर 5.3 फीसदी बढ़कर 2.49 मिलियन टन रही। एलपीजी की खपत अक्टूबर 2021 की तुलना में 2.8 प्रतिशत अधिक और प्री-कोविड अक्टूबर 2019 की तुलना में 11.7 प्रतिशत अधिक थी। मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों से पता चलता है कि सितंबर के दौरान एलपीजी की मांग 2.67 मिलियन टन एलपीजी खपत के मुकाबले 1.9 प्रतिशत गिर गई।


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