पेटीएम वाले विजय शेखर शर्मा को आया “विजय शेखर शर्मा” का मैसेज, जानिए फिर क्या हुआ?
देश में जैसे-जैसे डिजिटल सेवाओं का विस्तार हो रहा है वैसे ही साइबर ठगों की संख्या भी बढ़ रही है। हम सबको आए दिन साइबर ठगों का सामना करना पड़ता है। लेकिन क्या हो जब देश की सबसे बड़ी डिजिटल पेमेंट कंपनियों में से एक पेटीएम के सीईओ को उन्हीं के नाम से कोई संपर्क करे। जानिए पूरी कहानी उन्हीं की जुबानी।

नोएडा। साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए अलग-अलग रूप बनाते रहते हैं। कई बार किसी कंपनी के कर्मचारियों को ठगने के लिए उस कंपनी का सीईओ बनकर संपर्क करते हैं और कर्मचारियों से पैसे मांगते हैं। ऐसी ही ठगी करने की कोशिश पेटीएम के कर्मचारियों के साथ भी की गई, लेकिन ठगों की बदकिस्मती कि उन्होंने पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा बनकर असली विजय शेखर शर्मा को ही मैसेज कर दिया।
Hustler ! https://t.co/dmykHVFhB5 pic.twitter.com/sM19cPTBOm
— Vijay Shekhar Sharma (@vijayshekhar) May 21, 2025
विजय शेखर शर्मा ने खुद एक्स पर पोस्ट कर पूरा वाकया बताया। साइबर ठग ने विजय शेखर शर्मा को 9327025562 नंबर से मैसेज किया।
साइबर ठग: मैं विजय शेखर शर्मा हूं। ये मेरा नया व्हाट्सएप नंबर है। इसे सेव कर लो।
विजय शेखर शर्मा: बिल्कुल सर
अगले दिन फिर मैसेज आया
साइबर ठग: क्या तुम अभी कंपनी में हो?
विजय शेखर शर्मा: जी
साइबर ठग: मैं अभी मीटिंग में हूं और तुम्हें कुछ काम करना है
विजय शेखर शर्मा: जी सर, किसी को मीटिंग में भेजना है?
साइबर ठग: अभी नहीं। तुम कंपनी के अकाउंट चेक कर के बताओ कि अभी कंपनी के अवेलेबल फंड कितने हैं?
विजय शेखर शर्मा: सर मैं फाइनेंस में नहीं हूं। आप उनको बता दीजिए।
साइबर ठग: अभी फाइनेंस डिपोर्टमेंट की ड्यूटी पर कौन है?
विजय शेखर शर्मा: आप बता दो।
साइबर ठग: मेरा फोन फॉर्मेट होने के कारण मेरे फोन में कोई भी नंबर सेव नहीं हैं। अगर तुम्हारे पास फाइनेंस डिपार्टमेंट का नंबर है तो प्लीज शेयर विद मी।
यदि आपको भी आए ऐसा मैसेज तो क्या करें?
यदि कोई आपका बॉस या सीईओ बनकर मैसेज करे, तो सबसे पहले यह देखें कि क्या वह अपने नंबर से कॉल या मैसेज कर रहा है? ईमेल आने पर देखें कि क्या वह ईमेल ऑफिशियल आईडी से है? यदि नंबर नया है और ईमेल आईडी ऑफिशियल नहीं है, तो उस पर ध्यान न दें और एचआर डिपार्टमेंट को सूचित करें।
ध्यान रखें कि आपके सीईओ आपसे कभी कंपनी की अंदरूनी जानकारी या पैसे की मांग नहीं करेंगे। अगर कोई भी आपने सीईओ या बॉस बन कर अंदरूनी जानकारी या पैसे मांगता है तो समझ जाएं कि वह साइबर ठग है। उसकी बातों पर ध्यान न दें और एचआर डिपार्टमेंट को तत्काल इसकी जानकारी दें, ताकि वह इस पर सुरक्षात्मक कदम उठा सकें।
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