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अब कुल्हड़ के गिलास में मिलेगी चाय और लस्सी, देश के 400 रेलवे स्टेशनों पर शुरू होगी सुविधा

रेल यात्रियों को जल्द ही सफर के दौरान खाने पीने के चीजों को लेकर एक अलग ही अनुभव होगा।

By NiteshEdited By: Published: Thu, 12 Sep 2019 07:35 PM (IST)Updated: Fri, 13 Sep 2019 08:31 AM (IST)
अब कुल्हड़ के गिलास में मिलेगी चाय और लस्सी, देश के 400 रेलवे स्टेशनों पर शुरू होगी सुविधा
अब कुल्हड़ के गिलास में मिलेगी चाय और लस्सी, देश के 400 रेलवे स्टेशनों पर शुरू होगी सुविधा

नई दिल्ली, एजेंसी। रेल यात्रियों को जल्द ही सफर के दौरान खाने पीने के चीजों को लेकर एक अलग ही अनुभव होगा। दरअसल, अब आपको 400 रेलवे स्टेशनों पर चाय, लस्सी और खाने- पीने का सामान मिट्टी से बने कुल्हड़, गिलास और दूसरे बर्तनों में मिलेगा। खादी और ग्रामोद्योग आयोग (केवीआईसी) ने गुरुवार को कहा कि रेल मंत्रालय ने 400 रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों को खाने-पीने का सामान मिट्टी से बने बर्तनों में उपलब्ध कराने का निर्णय किया है। इस कदम से पर्यावरण को बढ़ावे मिलने के साथ प्लास्टिक के उपयोग पर अंकुश लगेगा, इसके अलावा कुम्हारों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

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केवीआईसी के चेयरमैन विनय कुमार सक्सेना ने कहा कि रेलवे की इस पहल से उत्साहित आयोग कुम्हारों के बीच 30,000 इलेक्ट्रिक चाक का वितरण करने का फैसला किया है। साथ ही मिट्टी के बने सामानों को नष्ट करने के लिए मशीन (ग्राइंडिंग मशीन) भी उपलब्ध कराएगा। विनय कुमार सक्सेना ने कहा, 'हम इस साल 30,000 इलेक्ट्रिक चाक दे रहे हैं। इससे रोजाना 2 करोड़ कुल्हड़ और मिट्टी के सामान बनाये जा सकते हैं। प्रक्रिया अगले 15 दिनों में शुरू हो जानी चाहिए।'

उल्लेखनीय है कि रेलवे प्रयोग के तौर पर उत्तर प्रदेश के वाराणसी और रायबरेली रेलवे स्टेशनों पर इस साल जनवरी से मिट्टी के बने बर्तनों का उपयोग कर रहा था। इन दोनों स्टेशनों पर इस पहल से प्लास्टिक की समस्या से निपटने में मदद मिली है।

खादी एवं ग्रमोद्योग आयोग कुम्हारों को सशक्त बनाने के लिये 'कुम्हार सशक्तिकरण योजना' चला रहा है। इसके तहत 31 मार्च 2019 तक 10,620 बिजली से चलने वाले चाक उपलब्ध कराये गये हैं। केवीआईसी के अनुसार बिजली से चलने वाले चाक के कारण कुम्हारों की उत्पादन क्षमता काफी बढ़ी है। 


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