भारत से जंग की ऐसी जिद! उधार के पैसों से ऐसा काम करने जा रहे शहबाज और मुनीर
Pakistan Defence Budget पाकिस्तानी अखबार द डॉन की रिपोर्ट के अनुसार शहबाज सरकार डिफेंस बजट बढ़ाने की प्लानिंग कर रही है। वह भी ऐसे समय में जब देश भारी नकदी संकट से जूझ रहा है। उधर डिफेंस बजट में प्रस्तावित वृद्धि पर असहमति के बीच आईएमएफ से अंतिम मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है।

नई दिल्ली. 8 घंटे में भारत के सामने घुटने टेकने वाली पाकिस्तानी सेना की अकड़ अब भी कम होने का नाम नहीं ले रही है। खबर है कि फौज के दबाव में पाकिस्तान सरकार कथित तौर पर अपने डिफेंस बजट को बढ़ाने की योजना बना रहा है। दरअसल, अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के बढ़ते दबाव का सामना करते हुए पाकिस्तान सरकार ने आगामी वित्तीय वर्ष के लिए केंद्रीय विकास योजना में भारी कटौती की है, लेकिन वह रक्षा खर्च को बढ़ाने की प्लानिंग कर रहा है।
पाकिस्तानी अखबार 'द डॉन' की रिपोर्ट के अनुसार, देश में आर्थिक परेशानियों के बावजूद डिफेंस बजट में प्रस्तावित वृद्धि पर असहमति के बीच आईएमएफ से अंतिम मंजूरी का इंतजार किया जा रहा है। नकदी संकट से जूझ रहे पाकिस्तान को आईएमएफ मुल्क की तरक्की के लिए पैसा देने जा रही है लेकिन पाक सेना और सरकार तरक्की के बजाय सैन्य खर्चों पर फोकस कर रही है। पाकिस्तानी सरकार और सेना की यह सोच बेहद चिंताजनक है, क्योंकि मुल्क को बुरे आर्थिक हालात से बाहर निकालने के बजाय सरकार रक्षा खर्च में बढ़ोतरी की योजना बना रही है।
चौपट हो जाएगी अर्थव्यवस्था
अगर ऐसा होता है तो लोगों की भलाई के लिए चलाई जा रही योजनाओं में भारी कटौती होगी और यह पैसा सेना के खर्चों में चला जाएगा। डॉन की रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान सरकार ने कथित तौर पर अपने बजट की प्रस्तुति को एक सप्ताह के लिए टालकर 10 जून कर दिया है, क्योंकि रक्षा खर्च में बढ़ोतरी और मध्यम वर्ग के लिए टैक्स कटौती पर आईएमएफ टीम के साथ मतभेद हैं। इससे पहले बजट को 2 जून को पेश किया जाना था।
इस पाकिस्तानी अखबार की रिपोर्ट में कहा गया, "आईएमएफ चाहता है कि पाकिस्तानी अधिकारी विश्वसनीय प्रस्ताव लेकर आएं, और रक्षा व अन्य खर्चों में वृद्धि तथा करों में कटौती के प्रभाव की भरपाई के लिए रेवेन्यू के वैकल्पिक सोर्सेज की पहचान करें।"
बता दें कि इससे पहले खबरें थी कि पाकिस्तान अपने डिफेंस बजट को अगले वित्तीय वर्ष में 18 फीसदी बढ़ाना चाहता है।पाकिस्तानी सरकार ऐतिहासिक रूप से अपने कुल खर्च का एक महत्वपूर्ण हिस्सा डिफेंस बजट के लिए आवंटित करती है क्योंकि वह भारत को "अस्तित्व के लिए खतरा" मानता है। वित्त वर्ष 2025 में, पाकिस्तान का रक्षा खर्च उसकी जीडीपी का 2.3% था, और भारत के सकल घरेलू उत्पाद के 2% से ज्यादा था।
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