पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दोहरी मार; बाढ़ से 4 अरब डॉलर का नुकसान, रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंची महंगाई
पहले से ही बदहाली के दौर से गुजर रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पर दोहरी मार पड़ी है। पाकिस्तान में बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है जिससे पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। नतीजतन महंगाई भी उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है।
इस्लामाबाद, एजेंसियां। पहले से ही बदहाली के दौर से गुजर रही पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था की हालत बाढ़ के चलते और पतली हो गई है। पाकिस्तान में बाढ़ ने ऐसा कहर बरपाया है जिससे पेट्रोलियम उत्पादों की कीमतों में भारी बढ़ोतरी हुई है। नतीजतन वस्तुओं की आपूर्ति प्रभावित हुई है जिससे महंगाई की तगड़ी मार पड़ी है। समाचार एजेंसी एएनआइ की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में संवेदी मूल्य सूचकांक (Sensitive Price Index) में 44.58 फीसद की रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया है।
स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, संवेदी मूल्य संकेतक (Sensitive Price Indicator, SPI) को साप्ताहिक आधार पर मूल्यांकन करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, ताकि सुधारात्मक उपाय किए जा सकें। मौजूदा वक्त में एसपीआइ अब तक के उच्चतम स्तर पर है, जिससे सभी रिकॉर्ड टूट गए हैं। पाकिस्तानी अखबार 'द नेशन' की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले हफ्ते पाकिस्तान में साप्ताहिक मुद्रास्फीति दर 1.83 प्रतिशत बढ़कर 44.58 प्रतिशत के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गई।
पीबीएस (Pakistan Bureau of Statistics) की ओर से शुक्रवार को जारी की गई एक रिपोर्ट के मुताबिक, पिछले हफ्ते कुल 51 जरूरी वस्तुओं में से 23 की कीमतों में बढ़ोतरी हुई जबकि 21 की कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। महंगी हुई चीजों में टमाटर के दाम 43.09 फीसद, प्याज के रेट में 41.13 फीसद, आलू 6.32 फीसद, अंडे 3.43 फीसद, लहसुन 2.23 फीसद, सूखा दूध 1.53 फीसद, दाल मैश 1.12 फीसद, सिगरेट 2.26 फीसद और एलपीजी की कीमतों में 1.95 फीसद का उछाल दर्ज किया गया है।
इस बीच, अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund, IMF) के अनुसार पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था लगभग 3.5 फीसद तक सुस्त पड़ गई है। चालू वित्त वर्ष के अंत तक औसत मुद्रास्फीति दर लगभग 20 फीसद के उच्च स्तर पर पहुंच सकती है। आईएमएफ ने पाकिस्तान के पिछले साल के आर्थिक विकास के अनुमान को 1 फीसद घटाकर 3.5 फीसद कर दिया है। वहीं स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान का कहना है कि भारी बारिश के कारण आई बाढ़ ने खाद्य महंगाई के जोखिम को बढ़ा दिया है।
वहीं समाचार एजेंसी पीटीआइ ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि भारी बारिश के चलते आई विनाशकारी बाढ़ से पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को चालू वित्त वर्ष में चार अरब डॉलर से अधिक का नुकसान होने का अनुमान है। बाढ़ ने सिंध और बलूचिस्तान में कृषि गतिविधियों को बुरी तरह प्रभावित किया है। जून के मध्य से आई बाढ़ में लगभग 1,000 लोग मारे जा चुके हैं जबकि हजारों घायल और बेघर हुए हैं। बाढ़ की भयावहता का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सरकार ने देश के कुछ हिस्सों में आपातकाल की स्थिति घोषित की है।
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