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    विदेशी कर्ज के दलदल में फंसा पाकिस्तान, है इतना कि गिनते-गिनते थक जाएंगे आप; जानें कितने की है देनदारी

    Updated: Fri, 18 Jul 2025 03:39 PM (IST)

    Pakistan news पाकिस्तान दिनों दिन कर्ज के दल-दल में फंसता चला जा रहा है। विदेशी कर्ज उसके ऊपर हावी हो रहा है। मार्च 2025 तक उसके ऊपर कुल 76.01 ट्रिलियन का कर्ज था। इसमें से 24.49 ट्रिलियन रुपये का विदेशी यानी बाहरी कर्ज है जिसे पाकिस्तान ने किसी देश या फिर अंतरराष्ट्रीय संस्था से लिया है।

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    विदेशी कर्ज के दलदल में फंसा पाकिस्तान, है इतना कि गिनते-गिनते थक जाएंगे आप

    नई दिल्ली। पाकिस्तान इस समय कर्ज के दलदल (Pakistan in debt) में फंसा हुआ है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार चालू वित्त वर्ष के दौरान पाकिस्तान को 23 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का विदेशी कर्ज चुकाना होगा। मार्च 2025 तक Pakistan का कुल कर्ज 76.01 ट्रिलियन रुपये था, जिसमें 51.52 ट्रिलियन रुपये का घरेलू कर्ज और 24.49 ट्रिलियन रुपये का बाहरी कर्ज है।

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    पाकिस्तान ने किससे लिया कितना कर्ज

    बाहरी कर्ज की बात करें तो इसमें वो कर्ज शामिल हैं जिसे पाकिस्तान ने या तो IMF से लिया है या फिर किसी अन्य देशों से लिया है। इस साल पाकिस्तान के 23 अरब डॉलर के कर्ज भुगतान में से 12 अरब डॉलर की अस्थायी जमा राशि शामिल है। जिसे पाकिस्तान ने सऊदी अरब (5 अरब), चीन (4 अरब), यूएई (2 अरब) और कतर (1 अरब) जैसे मुस्लिम देशों से लिया है। 

    मुस्लिम देश पाकिस्तान को थोड़ी राहत दे सकते हैं। यानी इन देशों से कर्ज को आगे बढ़ाने (रोलओवर) की उम्मीद है। लेकिन पाकिस्तान को विश्व बैंक, एशियाई विकास बैंक, इस्लामिक विकास बैंक और अन्य से लिए गए 2.8 अरब डॉलर, बांडों के 1.7 अरब डॉलर, कॉर्मशियल लोन के 2.3 अरब डॉलर और द्विपक्षीय कर्ज के 1.8 अरब डॉलर जैसे 11 अरब डॉलर चुकाने होंगे। इसमें शायद उसे रियायत न मिले।

    बजट का 46.7% हिस्सा कर्ज चुकाने के लिए 

    अगर मुस्लिम देश रोलओवर देने से मना करते हैं, तो पाकिस्तान के लिए यह स्थिति और खराब हो सकती है। इस समय कर्ज का भुगतान पाकिस्तान के सालाना बजट का सबसे बड़ा खर्च है। 2025-26 के लिए 17.573 ट्रिलियन रुपये के कुल बजट में से पाकिस्तान ने 8.2 ट्रिलियन रुपये (46.7%) कर्ज चुकाने के लिए रखा है।

    पाकिस्तान में गरीबी भी बढ़ रही

    शहबाज शरीफ की सरकार के आर्थिक सुधार के दावों के बावजूद भी पाकिस्तान घरेलू और बाहरी कर्ज के बोझ तले दबा हुआ है। पता नहीं वह इस कर्ज को कब तक चुका पाएगा। पाकिस्तान में गरीबी भी बढ़ी है। पिछले दिनों वर्ल्ड बैंक ने एक रिपोर्ट जारी की थी, जिसके अनुसार पाकिस्तान पाकिस्तान में 44.7 फीसदी लोग अब भी गरीबी रेखा से नीचे हैं।