Amul, बिसलेरी, डाबर समेत आपके घर आने वाले सभी के प्रोडक्ट होंगे सस्ते, कंपनियों ने लाभ पहुंचाने का किया वादा
GST Rate Cut खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने जीएसटी दरों में कटौती का लाभ ग्राहकों और किसानों तक पहुंचाने का वादा किया है। अमूल ब्रिटानिया और बिसलेरी जैसी कंपनियों ने सरकार को लिखित आश्वासन दिया है कि प्रोसेस्ड फूड जल्द सस्ते होंगे। डेरी बेकरी और पैकेज्ड खाद्य उत्पादों पर कर की दर घटने से उपभोक्ताओं की क्रय क्षमता बढ़ेगी।

नई दिल्ली। GST Rate Cut: खाद्य प्रसंस्करण उद्योग ने एक स्वर में एलान किया है कि वह जीएसटी कटौती का लाभ निश्चित ही ग्राहकों और किसानों तक पहुंचाएंगी। अमूल, ब्रिटानिया, बिसलेरी, रसना और डाबर जैसी प्रमुख कंपनियों के प्रतिनिधियों द्वारा लिखित रूप से सरकार को दिए गए इस आश्वासन के बाद माना जा रहा है कि जल्द ही प्रोसेस्ड फूड सस्ते होंगे।
कंपनियों ने सरकार को दिया लाभ पहुंचाने का आश्वासन
खाद्य प्रसंस्करण, उद्योग मंत्रालय और कन्फेडरेशन आफ इंडियन इंडस्ट्रीज के साथ नई दिल्ली में आयोजित बैठक में फूड प्रोसे¨सग कंपनियों के प्रतिनिधियों ने खुलकर स्वीकार किया कि जीएसटी में यह सुधार अप्रत्याशित है और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग को उल्लेखनीय लाभ होने की उम्मीद है।
साथ ही दावा किया कि प्रमुख खाद्य पदार्थों, डेरी, बेकरी और पैकेज्ड खाद्य उत्पादों पर अब पांच प्रतिशत या शून्य कर की दर लागू होने से इस क्षेत्र में उपभोक्ताओं की क्रय क्षमता बढ़ेगी।
सीआइआइ की एफएमसीजी कमेटी के चेयरमैन व रसना इंटरनेशनल के चेयरमैन पिरुज खंबाटा ने बताया कि खाद्य प्रसंस्करण कंपनियां इन जीएसटी सुधारों से बहुत खुश हैं और ग्राहकों के साथ ही किसानों तक इसका लाभ पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। वहां रखे शपथ-पत्र भी सभी कंपनी प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए।
यह संकल्प अमूल के एमडी जयेन मेहता, ब्रिटानिया के सीईओ वरुण बेरी, पेप्सिको के सीएफओ कौशिक मित्रा, बिसलेरी के सीईओ एंजेला जार्ज ने भी दोहराया।
क्या बोले खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान
केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्री चिराग पासवान ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के रिफार्म, परफार्म और ट्रांसफार्म के मूलमंत्र पर चल रही है। सरकार ने रिफार्म कर दिया है, अब बारी उद्योगों की है कि वह परफार्म करें। चिराग ने दावा किया कि इसका सबसे अधिक लाभ फूड प्रोसेसिंग इंडस्ट्री को मिलने जा रहा है। उद्यमियों की जिम्मेदारी है कि वह 22 सितंबर से लागू हो रही जीएसटी की घटी दरों का लाभ उपभोक्ताओं तक पहुंचाएं। निवेश कर गुणवत्ता बेहतर करें।
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