Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पी-नोट्स के जरिए निवेश अगस्त महीने में 1.25 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंचा

    By Praveen DwivediEdited By:
    Updated: Thu, 28 Sep 2017 06:51 PM (IST)

    पार्टिसिपेटरी नोट्स के जरिए घरेलू पूंजी बाजार में होने वाले निवेश में एक बार फिर से गिरावट देखने को मिली है

    पी-नोट्स के जरिए निवेश अगस्त महीने में 1.25 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंचा

    नई दिल्ली (जेएनएन)। देश के घरेलू पूंजी बाजार में पार्टिसिपेटरी नोट्स (पी-नोट्स) के जरिए आने वाला निवेश साढ़े सात साल के निचले स्तर के साथ अगस्त के अंत में 1.25 लाख करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। इसकी प्रमुख वजहों में सेबी की ओर से तय किए गए कुछ मानदंडों को माना जा रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    सेबी की ओर से जारी किए गए डेटा के मुताबिक भारतीय बाजार में इक्विटी, डेट और डेरिवेटिव में पी-नोट्स के जरिए निवेश का कुल मूल्य अगस्त महीने में गिरकर 1,25,037 करोड़ रुपए के स्तर पर पहुंच गया है। इससे पिछले महीने जुलाई में इसने 1,35,297 करोड़ रुपए के साथ पांच साल का निचला स्तर छुआ था। यह फरवरी 2010 के बाद अब तक का सबसे निचला स्तर रहा है, जब इस तरह के निवेश की कुल वैल्यू 1,24,177 करोड़ रुपए रही थी।

    क्या होते हैं पी नोट्स

    पी-नोट्स को पार्टिसिपेट्री नोट्स भी कहा जाता है। विदेशी निवेशक सीधे तौर पर भारतीय शेयर बाजार में निवेश करने में सक्षम नहीं होते हैं इसलिए वह रजिस्टर्ड विदेशी ब्रोक्रेज हाउस का सहारा लेता है। निवेशकों को पी-नोट्स सेबी के पास रजिस्टर्ड विदेशी ब्रोक्रेज हाउस ही जारी करता है। पी-नोट्स को विदेशी निवेशकों के लिए शेयर बाजार में निवेश करने का दस्तावेज भी कहा जाता है।

    क्या है पी नोट्स का फायदा

    पी-नोट्स का इस्तेमाल हाई नेटवर्क इंडीविजुअल्स (एचएनआई), हेज फंडों और अन्य विदेशी संस्थानों के जरिए होता है। जो भी निवेशक सेबी के पास बिना रजिस्ट्रेशन करवाए शेयर बाजार में पैसा लगाना चाहता हैं वो पी-नोट्स का इस्तेमाल करता है। निवेशकों को भारतीय शेयर बाजार में पी-नोट्स के जरिए निवेश करने में ज्यादा सुविधा और फायदा जान पड़ता है। गौरतलब है कि सेबी ने साल 1992 में पी-नोट्स जारी करने की इजाजत दी थी।