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    Online ITR: कैसे फाइल करें अपना इनकम टैक्स रिटर्न, क्या है देनदारी कैलकुलेट करने का तरीका

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Sun, 09 Jul 2023 05:00 PM (IST)

    31 जुलाई 2023 से पहले उन सभी लोगों को इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना जरूरी है जो किसी न किसी रूप में कमाई कर रहे हैं। आज हम आपको बता रहे हैं कि आप ऑनलाइन आईटीआर कैसे फाइल कर सकते हैं। और आपको किन आईटीआर फाइल करने से पहले किन दस्तावेजों को साथ रखना जरूरी है। पढ़िए पूरी खबर

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    Online ITR: How to file your income tax return, what is the method to calculate liability

    नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: हर आय वर्ग के लोगों के लिए अपना इनकम टैक्स रिटर्न (आईटीआर) फाइल करना एक अति महत्वपूर्ण काम होता है। सरकार आपके टैक्स के पैसों से देश में अनेक विकास कार्य और परियोजनाएं चलाती है इसलिए हर जिम्मेदार और ईमानदार नागरिक का फर्ज बनता है कि वो टैक्स दे।

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    सरकार ने भी नई और पुरानी टैक्स नीति के तहत लोगों को एक निश्चित आय तक टैक्स भरने से आजादी दी है। यानी सरकार कम आय वालों से टैक्स नहीं लेती है। अगर आप भी ईमानदार टैक्सपेयर हैं तो आपको 31 जुलाई 2023 से पहले अपना आईटीआर फाइल करना होगा। अगर आपने इस तिथि तक आईटीआर फाइल नहीं किया तो आपको पेनॉल्टी देना पड़ सकता है।

    क्या होता है आईटीआर रिटर्न?

    आयकर रिटर्न एक ऐसा फॉर्म है जो करदाता को अपनी आय, व्यय, कर कटौती, निवेश, कर इत्यादि घोषित करने में सक्षम बनाता है। आयकर अधिनियम, 1961 करदाता के लिए विभिन्न परिदृश्यों के तहत आयकर रिटर्न दाखिल करना अनिवार्य बनाता है। आयकर रिटर्न करदाता की वार्षिक आय की रिपोर्ट करने के लिए दाखिल किया जाने वाला एक फॉर्म होता है।

    लोगों को आईटीआर फाइल करने में कोई परेशानी ना हो इसलिए आयकर विभाग ने घर बैठे ऑनलाइन आईटीआर फाइल करने की भी सुविधा दी है जिसे इलेक्ट्रॉनिक फाइलिंग (ई-फाइलिंग) भी कहते हैं।

    ई-फाइलिंग कैसे करते हैं यह जानने से पहले आप यह जानिए कि टैक्सपेयर को आईटीआर की गणना और रिपोर्टिंग डेटा के लिए कौन से दस्तावेज रखना आवश्यक है।

    इनकम और टैक्स की गणना कैसे करें?

    गणना में वेतन, फ्रीलांसिंग, आय से ब्याज इत्यादि जैसे सभी स्रोतों से आय को ध्यान में रखा जाना चाहिए। करदाता धारा 80 सी के तहत कर-बचत निवेश जैसे कटौती का दावा कर सकता है।

    साथ ही, करदाता को टीडीएस, टीसीएस या उनके द्वारा भुगतान किए गए किसी अग्रिम कर के क्रेडिट को भी ध्यान में रखना चाहिए।

    स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) प्रमाण पत्र और फॉर्म 26AS

    करदाता को वित्तीय वर्ष की सभी 4 तिमाहियों के लिए प्राप्त टीडीएस प्रमाणपत्रों से अपनी टीडीएस राशि का सारांश देना चाहिए। फॉर्म 26AS करदाता को वित्तीय वर्ष के दौरान भुगतान किए गए टीडीएस और कर के सारांश में मदद करता है।

    सही इनकम टैक्स फॉर्म का करें चुनाव

    करदाता को पहले यह सुनिश्चित करना होगा कि रिटर्न दाखिल करने से पहले उन्हें कौन सा आईटीआर फॉर्म भरना है। आप अपना रिटर्न ऑनलाइन या ऑफलाइन दाखिल कर सकते हैं।

    करदाताओं के लिए केवल दो फॉर्म, आईटीआर 1 और आईटीआर 4 ऑनलाइन उपलब्ध हैं।

    ऑनलाइन आईटीआर कैसे करें फाइल?

    आपको अपना टैक्स रिटर्न दाखिल करने से पहले अपने करों का भुगतान करना होगा। यदि आप एक वेतनभोगी व्यक्ति हैं, तो आपकी अधिकांश कर देनदारी आपके वेतन से टीडीएस के रूप में आपके नियोक्ता द्वारा काट ली जाती है और आपकी ओर से सरकार को भुगतान कर दी जाती है।

    यदि आप अग्रिम कर का भुगतान करने के लिए उत्तरदायी हैं, तो आपको प्रत्येक वित्तीय वर्ष में 31 मार्च से पहले इसका 90 फीसदी भुगतान करना होगा। वित्तीय वर्ष समाप्त होने के बाद आप अपना आईटीआर दाखिल कर सकते हैं।

    आईटीआर दाखिल करने की विंडो आम तौर पर संबंधित मूल्यांकन वर्ष की 31 जुलाई तक खुली रहती है। हालांकि, आईटीआर दाखिल करने की नियत तारीख बढ़ सकती है, और आईटी विभाग अधिसूचना के माध्यम से इसकी सूचना देगा।

    अगर आप आईटीआर फाइल करने की आखिरी तारीख चूक जाते हैं तो फिर आपको 5,000 रुपये का विलंब शुल्क देना पड़ सकता है। आप अपना आईटीआर रिटर्न आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल के माध्यम से दाखिल कर सकते हैं।

    कैसे बचाएं अपना इनकम टैक्स?

    हम सभी चाहते हैं कि जितना कम हो सके उतना कम टैक्स हमें देना पड़े और ज्यादा से ज्यादा टैक्स का पैसा हम वैध तरीके से बचा सकें।

    आपको बता दें कि उचित कर नियोजन द्वारा आयकर बचाने के कई तरीके हैं। आयकर अधिनियम कुछ कटौतियां और छूट प्रदान करता है जिनका दावा किया जा सकता है जिससे आपकी कुल कर योग्य आय कम हो जाएगी और कर आउटफ्लो कम हो जाएगा। चलिए जानते हैं उन कटौतियाँ और छूट के बारे में:

    • 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये तक की कटौती - 80सी जैसे कर बचत विकल्पों में निवेश - ईएलएसएस, एलआईसी, म्यूचुअल फंड में निवेश, बच्चों के लिए ट्यूशन फीस में कटौती, होम लोन की मूल राशि में कटौती आदि।
    • केंद्र सरकार की राष्ट्रीय पेंशन योजनाओं में योगदान के लिए 80 सीसीसी (1बी) में 1.5 लाख रुपये से ऊपर 50,000 रुपये की अतिरिक्त कटौती।

    • 80D स्वयं, पति/पत्नी, बच्चों (25000 / 50,000 रुपये) और आश्रित माता-पिता (25000 / 50,000 रुपये) के लिए भुगतान किए गए चिकित्सा बीमा प्रीमियम की कटौती की अनुमति देता है।
    • 80G निर्दिष्ट सीमा के अनुसार मान्यता प्राप्त संस्थानों और ट्रस्टों को दिए गए दान पर कटौती की अनुमति देता है।
    • 10 (13ए) के तहत आंशिक या पूर्ण रूप से मकान किराया भत्ता छूट की अनुमति
    • 80ई के तहत उच्च शिक्षा लोन के लिए कटौती
    • धारा 24 के तहत भुगतान किए गए गृह लोन पर स्व-कब्जे वाले के लिए 2 लाख तक की कटौती और यदि किराए की संपत्ति है तो पूरी राशि।