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    Online Gaming कंपनियों को अब तक मिला 1 लाख करोड़ रुपये का कारण बताओ नोटिस, इन बड़ी कंपनियों के नाम हैं शामिल

    एक वरिष्ठ अधिकारी ने आज कहा कि जीएसटी अधिकारियों ने अब तक ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अब तक 1 लाख करोड़ का कारण बताओ नोटिस भेजा है। इन कंपनियों पर टैक्स चोरी का आरोप है। इसके अलावा अधिकारी ने यह भी कहा कि 1 अक्टूबर के बाद भारत में विदेशी गेमिंग कंपनियों के पंजीकरण की कोई सूचना नहीं है। पढ़िए पूरी खबर।

    By AgencyEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 25 Oct 2023 12:46 PM (IST)
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    1 अक्टूबर 2023 से ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो, और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत का टैक्स लागू है।

    पीटीआई, नई दिल्ली। देश में 1 अक्टूबर 2023 से ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो, और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत का टैक्स लगना शुरू हो चुका है। साथ ही नए कानूनों के तहत भारत में विदेशी गेमिंग कंपनियों को पंजीकरण करवाना भी अब अनिवार्य हो गया है।

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    इसी के मद्देनजर आज एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जीएसटी अधिकारियों ने टैक्स चोरी के लिए ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों को अब तक 1 लाख करोड़ रुपये के कारण बताओ नोटिस जारी किया है।

    इसके अलावा अधिकारी ने यह भी कहा कि 1 अक्टूबर के बाद से भारत में विदेशी गेमिंग कंपनियों के पंजीकरण का अभी तक कोई डेटा सामने नहीं आया है।

    सरकार ने 28 प्रतिशत जीएसटी का बनाया है कानून

    सरकार ने जीएसटी कानून का संशोधन कर ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो, और घुड़दौड़ पर 28 प्रतिशत का जीएसटी और विदेशी गेमिंग कंपनियों को पंजीकरण करवाने का कानून बनाया है।

    इन कंपनियों को मिला कारण बताओ नोटिस

    ड्रीम11 जैसे कई ऑनलाइन गेमिंग और डेल्टा कॉर्प जैसे कैसीनो ऑपरेटर को टैक्स के कम भुगतान के लिए पिछले महीने जीएसटी कारण बताओ नोटिस मिला है। 21,000 करोड़ रुपये की कथित जीएसटी चोरी के लिए पिछले साल सितंबर में गेम्सक्राफ्ट को अलग से कारण बताओ नोटिस भेजा गया था।

    जीएसटी की 50वीं बैठक में हुआ था फैसला

    वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी की 50वीं मीटिंग में ऑनलाइन गेमिंग, कैसीनो और घुड़दौड़ के फुल फेस वैल्यू पर 28 प्रतिशत का जीएसटी लगाने का फैसला लिया गया था।

    हालांकि इस फैसले के बाद ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों ने जमकर इसका विरोध किया था और सरकार से इस पर पुर्नविचार करने का आग्रह किया था। सरकार ने भी इस पर पुर्नविचार करते हुए दोबार यह कहा कि 28 प्रतिशत का टैक्स बना रहेगा।

    हालांकि सरकार ने यह भी कहा कि इस फैसले की समीक्षा इस कानून के लागू होने के 6 महीने के बाद की जाएगी। इस हिसाब में 1 अक्टूबर 2023 को लागू हुए इस फैसले की समीक्षा अब अप्रैल 2024 के अंत में की जाएगी।