चीन के DeepSeek का खौफ, एक दिन में Nvidia के 51 लाख करोड़ खाक
Nvidia stock crash अमेरिकी चिप मेकर एनवीडिया के शेयर सोमवार को एकदम से क्रैश कर गए। यह 16.86 फीसदी गिरावट के साथ 118.58 डॉलर पर बंद हुआ। इससे एनवीडिया का मार्केट कैप एक ही दिन में तकरीबन 600 अरब डॉलर (51.92 लाख करोड़ रुपये) तक कम हो गया। इस गिरावट की वजह चीन का स्टार्टअप डीपसीक है। आइए जानते हैं पूरी डिटेल।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। अमेरिकी शेयर बाजार के प्रमुख सूचकांक नैस्डेक (Nasdaq Composite) में सोमवार को 3.07 फीसदी की भारी गिरावट आई। इसकी वजह थी चिप मैन्युफैक्चरर एनवीडिया (Chip Manufacturer Nvidia)। यह स्टॉक 16.86 फीसदी गिरावट के साथ 118.58 डॉलर पर बंद हुआ। इससे अमेरिकी चिप मेकर की एक ही दिन में बाजार हैसियत तकरीबन 600 अरब डॉलर (51.92 लाख करोड़ रुपये) तक कम हो गया। यह अमेरिकी इतिहास में एक दिन में किसी कंपनी के मार्केट कैप में सबसे बड़ी गिरावट है।
ये रकम कितनी बड़ी है, इसका अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह भारत HDFC बैंक के कुल मार्केट कैप का लगभग चार गुना है। HDFC बैंक का मार्केट कैप फिलहाल 12.82 लाख करोड़ है।
एनवीडिया के शेयरों में गिरावट की वजह
एनवीडिया के शेयरों में गिरावट की सबसे बड़ी वजह है चीन के स्टार्टअप डीपसीक (DeepSeek) का किफायती जेनरेटिव एआई मॉडल। DeepSeek ने चाइनीज सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म WeChat पोस्ट करके दावा किया है कि उसका एआई मॉडल OpenAI से 20-50 गुना ज्यादा सस्ता है।
डीपसीक ने तेजी से बढ़ते एआई सेगमेंट में अमेरिकी दबदबे को चुनौती दी है। इसका सबसे अधिक असर एनवीडिया के मुनाफे पर पड़ने की आशंका है, क्योंकि वह महंगे चिप बनाती है। लेकिन, डीपसीक का चैटबॉट किफायती चिप पर अच्छे से ऑपरेट करता है।
डीपसीक इफेक्ट सिर्फ एनवीडिया तक सीमित नहीं रहा। एक अन्य अमेरिकी चिप निर्माता ब्रॉडकॉम के शेयरों में 17.4 फीसदी की गिरावट आई। डच फर्म ASML सेमीकंडक्टर बनाने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली मशीनें बनाती है, उसके शेयर 6.7 फीसदी तक गिर गए। कॉन्स्टेलेशन एनर्जी AI के लिए महत्वपूर्ण ऊर्जा क्षमता बनाने की योजना बना रही है। उसके शेयरों में 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
डीपसीक क्यों लोकप्रिय हो रहा है?
चीन के एआई स्टार्टअप डीपसीक का चैटबॉट अमेरिका में एपल के ऐप पर टॉप-रेटेड फ्री एप्लिकेशन बन गया है। डीपसीक का कहना है कि उसने अपने मॉडल को डेवलेप करने में सिर्फ 5.6 मिलियन खर्च किए। वहीं, ओपनएआई, गूगल और मेटा ने अपने एआई चैटबॉट को बनाने में अरबों डॉलर खर्च किए हैं।
इससे निवेशकों के बीच संदेश जा रहा है कि अमेरिका के मुकाबले चीन ज्यादा बेहतर और तेज टेक्नोलॉजी बना सकता है और वह उससे काफी कम कीमत में। इससे टेक्नोलॉजी की दुनिया में अमेरिकी एकाधिकार को झटका लगने की उम्मीद है।
क्या डीपसीक से डरना सही है?
कई अमेरिकी एक्सपर्ट का मानना है कि डीपसीक पर शेयर बाजार कुछ ज्यादा ही रिएक्ट कर रहा है। बी. रिले वेल्थ के चीफ मार्केट स्ट्रैटजिस्ट आर्ट होगन ने सोमवार को बाजार की प्रतिक्रिया को 'पहले गोली मारो, बाद में सवाल पूछो' जैसा बताया है। उन्होंने कहा, 'कुछ लोग चीनी कंपनी के दावों पर संदेह कर रहे हैं। हर कोई यह पता लगाने की कोशिश कर रहा है कि 'क्या इस पर विश्वास किया जा सकता है?' और 'इसका क्या मतलब है।'
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पिछले दिनों जापानी दिग्गज सॉफ्टबैंक और चैटजीपीटी-निर्माता ओपनएआई की अगुआई में अमेरिका में AI इन्फास्ट्रक्चर बनाने के लिए 500 अरब डॉलर के वेंचर की घोषणा की थी।
डीपसीक पर साइबर अटैक
चाइनीज स्टार्टअप डीपसीक ने दुनिया भर के बाजारों को हिलाकर रखकर दिया है। डीपसीक ने सोमवार को दावा किया कि उस पर साइबर अटैक भी हो रहा है, जिसका मकसद उसकी तकनीक को नुकसान पहुंचाना या उन्हें चुराना हो सकता है। यही वजह है कि स्टार्टअप ने नए यूजर्स के रजिस्ट्रेशन को सीमित कर दिया है।
अमेरिकी AI और टेक दिग्गज मेटा और Microsoft इस हफ्ते तिमाही नतीजे जारी करने वाले हैं। इसमें वे डीपसीक के उभार पर अपनी प्रतिक्रिया दे सकता हैं। इससे उनकी आगे की योजनाओं का भी पता चलेगा और निवेशकों के लिए स्थिति ज्यादा स्पष्ट हो सकेगी।
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