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    Chitra Ramkrishna: NSE की पूर्व MD के घर IT की रेड, हिमालय में भटकते अज्ञात योगी के इशारे पर लीक की जानकारी

    By NiteshEdited By:
    Updated: Fri, 18 Feb 2022 06:33 AM (IST)

    Chitra Ramkrishna सेबी ने अपने आदेश में कहा था कि रामकृष्ण ने योगी के साथ विभागीय खुफिया जानकारी साझा की थी जिसमें एनएसई की आर्थिक और कारोबारी योजनाएं प्रतिभूति परिदृश्य और आर्थिक नतीजे शामिल हैं।रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 के बीच एनएसई की एमडी एवं सीईओ थीं

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    NSE Scam Income Tax department conducts raids on former MD Chitra Ramkrishna

    नई दिल्ली, पीटीआइ। आयकर विभाग ने नेशनल स्टाक एक्सचेंज (NSE) की पूर्व प्रबंध निदेशक (एमडी) एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) चित्रा रामकृष्ण और समूह परिचालन अधिकारी आनंद सुब्रमण्यम के मुंबई स्थित परिसरों पर गुरुवार को छापेमारी की। इन दोनों के खिलाफ कर चोरी के मामले में यह कार्रवाई की गई। अधिकारियों ने कहा कि इस कार्रवाई का उद्देश्य दोनों लोगों के खिलाफ वित्तीय अनियमितताओं और कर चोरी के आरोपों की जांच करना तथा साक्ष्य जुटाना है। आयकर विभाग की मुंबई जांच शाखा के अधिकारियों ने रामकृष्ण और सुब्रमण्यम के परिसरों पर गुरुवार तड़के छापेमारी की।

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    भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) द्वारा हाल ही में एक आदेश जारी किए जाने के बाद चित्रा रामकृष्ण सुर्खियों में रही थीं। इस आदेश के अनुसार, उन्होंने हिमालय में रहने वाले किसी योगी के प्रभाव में आकर आनंद सुब्रमण्यम को एक्सचेंज में समूह परिचालन अधिकारी और प्रबंध निदेशक का सलाहकार नियुक्त किया। सेबी ने रामकृष्ण और अन्य पर सुब्रमण्यम की मुख्य रणनीतिक सलाहकार के तौर पर नियुक्ति और फिर समूह परिचालन अधिकारी एवं प्रबंध निदेशक के सलाहकार के तौर पर उनकी पुन: नियुक्ति में नियमों के उल्लंघन का आरोप लगाया था। इसके लिए सेबी ने रामकृष्ण पर तीन करोड़ रुपये, एनएसई और उसके पूर्व प्रबंध निदेशक तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी रवि नारायण और सुब्रमण्यम पर दो-दो करोड़ रुपये तथा मुख्य नियामक अधिकारी वीआर नरसिम्हन पर छह लाख रुपये का जुर्माना लगाया था।

    सेबी ने अपने आदेश में कहा था कि रामकृष्ण ने योगी के साथ विभागीय खुफिया जानकारी साझा की थी, जिसमें एनएसई की आर्थिक और कारोबारी योजनाएं, प्रतिभूति परिदृश्य और आर्थिक नतीजे शामिल हैं।रामकृष्ण अप्रैल 2013 से दिसंबर 2016 के बीच एनएसई की एमडी एवं सीईओ थीं। सेबी ने अपने आदेश में कहा कि रामकृष्ण ने योगी की पहचान उजागर करने से इन्कार कर दिया और कहा कि वे एक आध्यात्मिक व्यक्ति हैं। रामकृष्ण और सुब्रमण्यम को तीन साल की अवधि के लिए किसी भी बाजार ढांचागत संस्थान या सेबी के साथ पंजीकृत किसी भी मध्यस्थ से जुड़ने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। नारायण के लिए यह पाबंदी दो साल के लिए है।सेबी ने एनएसई को रामकृष्ण के अतिरिक्त अवकाश के बदले भुगतान किए गए 1.54 करोड़ रुपये और 2.83 करोड़ रुपये केबोनस को जब्त करने का भी निर्देश दिया था। इसके साथ ही सेबी ने एनएसई को कोई भी नया उत्पाद पेश करने से छह महीने के लिए रोक दिया है।

    क्या है NSE का बयान

    NSE का कहना है कि उक्त आदेश 2013-2016 की अवधि के दौरान एनएसई में कुछ मुद्दों से संबंधित है और इसलिए लगभग 6-9 वर्ष पुराना है। इस संबंध में पिछले कुछ वर्षों में एनएसई में बोर्ड और प्रबंधन स्तर पर कई बदलाव हुए हैं। सेबी एनएसई और अन्य एमआईआई के संचालन की बारीकी से निगरानी और पर्यवेक्षण कर रहा है। बयान के अनुसार, एनएसई ने वर्षों से विभिन्न मामलों पर सेबी के निर्देशों का संचालन किया है और टेक्नोलॉजी वास्तुकला सहित नियंत्रण पर्यावरण को और मजबूत करने के लिए विभिन्न उपाय किए हैं।