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NPCI के इस फैसले से UPI ऐप्स को मिलेगी राहत? जानिए PhonePe और Google Pay को कैसे होगा फायदा

यूपीआई ऐप्स की सेवाएं मुफ्त हों या उनके लिए कोई फीस वसूल की जाए इस पर बहुत दिनों से मंथन चल रहा है। इस बीच नेशनल पेमेंट कार्पोरेशन ऑफ इंडिया ने यूपीआई ऐप्स को बड़ी राहत दी है। इससे फोनपे और गूगले पे जैसे ऐप्स का बहुत फायदा होगा।

By Siddharth PriyadarshiEdited By: Sat, 03 Dec 2022 02:08 AM (IST)
NPCI के इस फैसले से UPI ऐप्स को मिलेगी राहत? जानिए PhonePe और Google Pay को कैसे होगा फायदा
NPCI extends UPI market cap deadline to December 24

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) ने शुक्रवार को थर्ड पार्टी यूपीआई सर्विस प्रोवाइडर्स के लिए डिजिटल भुगतान लेन-देन में 30 प्रतिशत वॉल्यूम कैप हासिल करने की सीमा दो साल बढ़ाकर दिसंबर 2024 तक कर दी। एनपीसीआई के इस निर्णय से थर्ड पार्टी ऐप प्रदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। Google Pay और PhonePe जैसे थर्ड पार्टी ऐप प्रोवाइडर्स यानी TPAP को इस निर्णय से काफी राहत मिल सकती है। UPI आधारित लेन-देन में इन दोनों ऐप का एक बड़ा हिस्सा है।

तीसरे पक्ष वाली ऐप प्रदाता इकाइयों (टीपीएपी) के लिए यह कदम राहत भरा हो सकता है। इसकी मांग लंबे समय से की जा रही थी। डिजिटल भुगतान में 30 प्रतिशत लेन-देन की लिमिट को हासिल करने की समय-सीमा दिसंबर 2024 करने से ऐप्स को अपनी तैयारी पूरा करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाएगा।

यूपीआई ऐप्स को बड़ी राहत

एनपीसीआई, यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (यूपीआई) चलाता है, जिसका इस्तेमाल खरीदारी करते समय खरीदारों और व्यापारियों के बीच रीयल-टाइम भुगतान के लिए किया जाता है। नवंबर 2020 में NPCI ने ऐप्स को 30 प्रतिशत का स्तर हासिल करने का आदेश दिया था। यह कैप 1 जनवरी, 2021 से लागू होना था। बाद में 5 नवंबर, 2020 को अधिक हिस्सेदारी रखने वाले टीपीएपी को चरणबद्ध तरीके से सीमा हासिल करने के लिये दो साल का समय दिया गया था।

लगातार बढ़ रही यूपीआई यूजर्स की संख्या

एनपीसीआई ने आगे कहा कि डिजिटल भुगतान में आने वाले दिनों सुधार बहुत अधिक गुजांइश है। वर्तमान स्थिति से कई गुना ग्रोथ की आवश्यकता को देखते हुए यह जरूरी है कि इस बाजार के मौजूदा और नए खिलाड़ी उपभोक्ताओं तक अपनी पहुंच को बढ़ाएं। इनमें बैंकिंग और नॉन बैंकिंग दोनों तरह के प्लेयर्स शामिल हैं। एनपीसीआई ने अपने बयान में कहा है कि यूपीआई आधारित सेवाओं के लिए बाजार संतुलन हासिल करना उसकी प्राथमिकता है।

इस साल की शुरुआत में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) भुगतान करने के तौर-तरीकों पर चार्ज वसूल करने को लेकर एक परामर्श पत्र लेकर आया था। इसमें तत्काल भुगतान सेवा (IMPS) लेन-देन की तरह एक सीमा के बाद UPI लेन-देन पर भी चार्ज लगाने की बात की गई थी। लेकिन केंद्र सरकार ने कहा कि यूपीआई आम लोगों के लिए अधिक सुविधाजनक है और इस पर कोई शुल्क लगाने की कोई योजना नहीं है।

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