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म्यूचुअल फंड्स में अब महिलाएं भी जमकर कर लगा रही हैं पैसा, 6 साल में इतनी बढ़ी हिस्सेदारी

पिछले कुछ समय में महिलाओं की दिलचस्पी म्यूचुअल फंड्स (MF) में काफी बढ़ी है। महिला निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च 2017 की 15 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर 2023 में 21 प्रतिशत हो गई है। करीब 50 प्रतिशत महिला निवेशक 25-44 आयुवर्ग से हैं। अधिकांश महिला म्यूचुअल फंड निवेशक नियमित योजना के जरिये और लंबे समय तक निवेश करती हैं। आइए जानते हैं पूरी खबर।

By Agency Edited By: Suneel Kumar Published: Mon, 11 Mar 2024 08:16 PM (IST)Updated: Mon, 11 Mar 2024 08:16 PM (IST)
करीब 50 प्रतिशत महिला निवेशक 25-44 आयुवर्ग से हैं।

पीटीआई, मुंबई। म्यूचुअल फंड्स (MF) में महिला निवेशकों की हिस्सेदारी मार्च 2017 की 15 प्रतिशत से बढ़कर दिसंबर 2023 में 21 प्रतिशत हो गई है। एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (AMFI) के ताजा डेटा के अनुसार, इस साल फरवरी में म्यूचुअल फंड्स का कुल एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) 50 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है।

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इसका कारण यह है कि बड़ी संख्या में निवेशक बचत करने और अधिक कमाई के लिए म्यूचुअल फंड्स की ओर आकर्षित हो रहे हैं। डेटा के अनुसार, बी-30 शहरों (शीर्ष-30 से बाहर के अन्य शहर) की महिलाओं के म्यूचुअल फंड्स फोलियो (खातों) की संख्या 15 प्रतिशत से बढ़कर 18 प्रतिशत और संपत्ति 17 प्रतिशत से बढ़कर 28 प्रतिशत हो गई है।

क्रिसिल और AMFI की ओर से तैयार इस रिपोर्ट को जारी करते हुए सेबी चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच ने कहा कि करीब 50 प्रतिशत महिला निवेशक 25-44 आयुवर्ग से हैं। अधिकांश महिला म्यूचुअल फंड निवेशक नियमित योजना के जरिये और लंबे समय तक निवेश करती हैं।

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इसी तरह, महिला म्यूचुअल फंड डिस्ट्रीब्यूटर्स की संख्या भी बढ़कर करीब 42 हजार हो गई हैं और यह करीब एक लाख करोड़ रुपये की संपत्तियों का प्रबंधन करती हैं। AMFI के चेयरमैन नवनीत मुनोट का कहना है कि म्यूचुअल फंड में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी उनके बढ़ते आर्थिक सशक्तिकरण और अधिक वित्तीय साक्षरता का प्रमाण है।

क्या होते हैं म्यूचुअल फंड?

म्‍यूचुअल फंड कई प्रकार के होते हैं। जैसे कि इक्विटी फंड्स (Equity Funds), डेट फंड्स (Debt Funds), बैलेंस या हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds) और सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स (Solution-Oriented Funds)।

ज्यादातर लोग इक्विटी फंड में निवेश करते हैं। इसमें निवेश शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के हिसाब से घटता बढ़ता रहता है।

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