ट्रेन में शुगर रोगियों के लिए स्पेशल थाली
अब राजधानी, दूरंतो व शताब्दी ट्रेनों में सफर के दौरान मधुमेह रोगियों को घर से खाना लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सफर के दौरान उन्हें खाने में वह खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी जो मधुमेह रोगियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो। इसके एवज में रेलवे कोई अतिरिक्त पैसा भी यात्रियों से नहीं लेगा। अभी तक ऐसी
अंशू दीक्षित, लखनऊ। अब राजधानी, दूरंतो व शताब्दी ट्रेनों में सफर के दौरान मधुमेह रोगियों को घर से खाना लेकर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। सफर के दौरान उन्हें खाने में वह खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी जो मधुमेह रोगियों के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक न हो। इसके एवज में रेलवे कोई अतिरिक्त पैसा भी यात्रियों से नहीं लेगा। अभी तक ऐसी कोई सुविधा रेलवे उपलब्ध नहीं कराता था।
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रेलवे का मानना है कि सफर में मधुमेह रोग से ग्रस्त यात्रियों की संख्या पर्याप्त होती है। ऐसे यात्रियों को शुगर फ्री आलू, कम चिकनाई वाला खाना परोसा जाएगा। अगर सफर लंबा है तो यात्री को रेल मेन्यू दिखाकर खाना परोसने का प्रयास करेगा।
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भारतीय रेल खानपान एवं पर्यटन निगम के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज सिन्हा बताते हैं कि यात्रियों को सफर के दौरान ब्रांडेड आइटम भी परोसे जाएंगे। अगर सफर पांच घंटे का है तो यात्री को आधा ली., पांच घंटे से अधिक है तो एक ली. और बीस घंटे या उससे भी अधिक लंबा सफर होने पर दो लीटर पानी की बोतल दी जाएगी। इसी तरह फर्स्ट एसी में सफर करने वाले यात्री चाय व काफी की अतिरिक्त डिमांड कर सकेंगे, इसके एवज में उससे कोई पैसा नहीं लिया जाएगा।
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आइआरसीटीसी के मुख्य क्षेत्रीय प्रबंधक मनोज सिन्हा ने कहा कि बहुत अच्छी पहल की गई है। यात्रियों को गुणवत्तापरक भोजन उपलब्ध होगा। अभी तक कुछ ही आइटम ब्रांडेड मिलते थे। अब सारे ही दिए जाएंगे। साथ ही सफर के दौरान यात्रियों को एमआरपी पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराई जाएगी। अभी तक यात्रियों को ठहराव वाले स्टेशन पर उतरकर सामान लेना पड़ता था।
सफर में एमआरपी पर मिलेगा सामान : अगर आप राजधानी, दूरंतो व शताब्दी में सफर कर रहे हैं तो एमआरपी (मैक्स रिटेल प्राइस) पर सामान खरीद सकेंगे। रेलवे आप को कैटरिंग में उपलब्ध होने वाली खाद्य सामग्री तो देगा, इसके अलावा यात्री अन्य ट्रेनों की तर्ज पर एमआरपी के आधार पर कोल्ड डिंक, फास्ट फूड व अन्य खाद्य सामग्री खरीद सकेंगे। अभी तक यह व्यवस्था उक्त ट्रेनों में उपलब्ध नहीं थी।
किराया बढ़ा : स्वर्ण शताब्दी व राजधानी का कैटरिंग चार्ज बढ़ने से यात्रियों को सफर के दौरान अपनी जेब और ढीली करनी होगी। स्वर्ण शताब्दी के चेयर कार में सफर करने वाले यात्रियों को अब 34 रुपये अतिरिक्त देने होंगे। अभी तक 136 रुपये देने पड़ते थे अब 170 रुपये देने होंगे। इसी तरह फर्स्ट एसी यानी इक्जिक्यूटिव श्रेणी के यात्रियों को 16 रुपये कम यानी 190 रुपये ही देने पड़ेंगे। रेल अफसरों के मुताबिक शताब्दी व राजधानी के फर्स्ट एसी में काम्बों ऑफर देने के कारण यह अंतर आया है। किराए में भी थोड़ा बहुत अंतर आया है। रेल अधिकारियों के मुताबिक राजधानी ट्रेन में भी फर्स्ट एसी का कैटरिंग चार्ज 16 रुपये कम यानी यहां भी 206 रुपये के स्थान पर 190 रुपये देने पड़ेंगे। इसी तरह 138 रुपये के स्थान पर सेकेंड एसी व थर्ड एसी में 170 रुपये देने पड़ेंगे। यानी 32 रुपये का अंतर इन दो श्रेणी के यात्रियों को देना होगा।
ट्रेन में वसूला गया कैटरिंग चार्ज : ट्रेन में यात्रियों से बढ़ा हुआ कैटरिंग चार्ज वसूला गया। रेलवे बोर्ड द्वारा 17 अक्टूबर से कैटरिंग चार्ज बढ़ने के बाद रेल प्रशासन ने कोच कंडेक्टर की मदद से यह अतिरिक्त कैटरिंग चार्ज वसूला। लखनऊ से दिल्ली जाने वाली स्वर्ण शताब्दी के चेयर कार व एक्जिक्यूटिव श्रेणी में यह किराया वसूला गया। रेलवे अधिकारियों ने बताया कि जिन यात्रियों ने टिकट 17 अक्टूबर से पहले कराए हैं उनसे ही कैटरिंग चार्ज लिया जाएगा।