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    तीन माह के लिए ही वैध होंगे चेक

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    Updated: Sun, 06 Nov 2011 09:24 PM (IST)

    आप अगर चेक या ड्रॉफ्ट जमा करने के मामले में लेटलतीफ रहते हैं तो जल्दी ही आपकी परेशानी बढ़ने वाली है। अगले साल अप्रैल की पहली तारीख के बाद जारी होने वाले कोई भी चेक या बैंक ड्रॉफ्ट की वैधता घटकर तीन महीने ही रह जाएगी। अभी छह महीने तक चेक को बैंक में कैश कराने के लिए जमा किया जा सकता है। रिजर्व बैंक [आरबीआइ] ने इस संबंध में बैंकों को सर्कुलर जारी किया है। केंद्रीय बैंक ने चेक व ड्रॉफ्टों के दुरुपयोग को देखते हुए यह फैसला किया है। यह नया नियम पे ऑर्डर और बैंकर्स चेक पर भी लागू होगा।

    नई दिल्ली [जागरण न्यूज नेटवर्क]। आप अगर चेक या ड्रॉफ्ट जमा करने के मामले में लेटलतीफ रहते हैं तो जल्दी ही आपकी परेशानी बढ़ने वाली है। अगले साल अप्रैल की पहली तारीख के बाद जारी होने वाले कोई भी चेक या बैंक ड्रॉफ्ट की वैधता घटकर तीन महीने ही रह जाएगी। अभी छह महीने तक चेक को बैंक में कैश कराने के लिए जमा किया जा सकता है। रिजर्व बैंक [आरबीआइ] ने इस संबंध में बैंकों को सर्कुलर जारी किया है। केंद्रीय बैंक ने चेक व ड्रॉफ्टों के दुरुपयोग को देखते हुए यह फैसला किया है। यह नया नियम पे ऑर्डर और बैंकर्स चेक पर भी लागू होगा।

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    आरबीआइ को सरकार की ओर से यह जानकारी दी गई थी कि बहुत से लोग इन इंस्ट्रूमेंट का इस्तेमाल छह महीने तक नकदी के तौर पर कर रहे हैं। इस अवधि में कमीशन के बदले चेक एक हाथ से दूसरे हाथ में बदलता रहता है। जिस व्यक्ति के पास आखिर में यह चेक रहता है, बैंक भी उसके खाते में रकम जमा करने के लिए तैयार रहते हैं। इस दुरुपयोग को रोकने के लिए आरबीआइ ने बैंकों को यह निर्देश भी दिया है कि अकाउंट पेयी चेक को किसी भी सूरत में दूसरे के खाते में क्रेडिट [जमा] नहीं किया जाए। साथ ही बैंकों को 1 अप्रैल, 2012 के बाद जारी होने वाले चेक या ड्रॉफ्टों पर तीन महीने की समय सीमा अंकित करने का निर्देश दिया है। यानी ये नए चेक किसी बैंक ग्राहक द्वारा जारी करने की तारीख से तीन महीने के लिए ही वैध होंगे।

    काले धन के प्रसार पर अंकुश लगाने के लिए भी केंद्रीय बैंक ने एक अधिसूचना जारी की है। इसके तहत यह अनिवार्य बना दिया गया है कि 20,000 रुपये से अधिक राशि वाले बैंक ड्रॉफ्ट सिर्फ अकाउंट पेयी ही होंगे। इसका मतलब यह हुआ कि जिसके नाम पर ड्रॉफ्ट जारी किया गया है, उसी के खाते में अंकित राशि जमा की जाएगी। रिजर्व बैंक को लगातार ऐसी शिकायतें मिल रही थीं कि काले धन के लेनदेन के लिए बड़ी मात्रा में बैंकिंग चैनल का इस्तेमाल किया जा रहा है।

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