Life insurance, Bank account, PPF, EPF, Mutual Funds और Stocks में नॉमिनी बनाने के क्या हैं नियम,
Nominee Rules किसी भी फाइनेंशियल प्रोडक्ट में निवेश करते समय नॉमिनी घोषित करना जरूरी हो गया है। इससे वैध उत्तराधिकारी को संपत्ति का ट्रांसफर करना हो जाता है। आइए जानते हैं इसके नियमों के बारे में... (जागरण - फाइल फोटो)

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। केंद्र सरकार की ओर से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक, देश में करीब आरबीआई के पास 35,000 करोड़ रुपये की राशि अनक्लेम्ड या लावारिस है। ये राशि देश के पब्लिक सेक्टर बैंकों की द्वारा आरबीआई को ट्रांसफर की गई है। इतनी बड़ी संख्या में राशि लावारिस होने के पीछे का सबसे बड़ा कारण बैंकों में खाताधारकों की ओर से नॉमिनी का नाम दर्ज नहीं करना है।
नॉमिनी होने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे संपत्ति का मालिकाना हक ट्रांसफर करना आसान हो जाता है और संपत्ति आपके उत्तराधिकारी तक पहुंचती है। नॉमिनी उत्तराधिकारी से अलग होता है।
नॉमिनी और उत्तराधिकारी में अंतर
नॉमिनी वह व्यक्ति होता है, जो संपत्ति के मालिक के मरने के बाद विश्वास के आधार पर उसकी संपत्ति होल्ड करता है। वह केवल एक कस्टोडियन का काम करता है, जब तक संपत्ति वैध उत्तराधिकारी के पास नहीं चली जाती है। अगर संपत्ति के मालिक ने कोई वसीयत बनवाई है तो उसके मुताबिक नॉमिनी को उत्तराधिकारी को संपत्ति ट्रांसफर करनी होगी। वहीं, अगर संपत्ति के मालिक बिना किसी वसीयत के मृत्यु हो जाती है तो पर्सनल लॉ के मुताबिक ही उसकी संपत्ति का बंटवारा किया जाता है।
कैसे चुनें सही नॉमिनी
लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसी में आप अपने बच्चों, माता-पिता, पत्नी और दोस्त को भी नॉमिनी बना सकते हैं। बैंक अकाउंट में आप अपनी पसंद के किसी भी व्यक्ति को नॉमिनी बना सकते हैं। शेयर में आप अपने रिश्तेदार को भी नॉमिनी बना सकते हैं। म्यूचुअल फंड में आप किसी को भी नॉमिनी बना सकते हैं। पब्लिक पॉविडेंड फंड (PPF) और एंप्लॉय पॉविडेंड फंड (EPF) में परिवार के सदस्य को ही नॉमिनी बना सकते हैं।
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