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    नोएडा में सबसे ज्यादा बढ़ा घर का किराया, मुंबई में सबसे कम; जानें बाकी शहरों का हाल

    Updated: Thu, 20 Feb 2025 12:41 PM (IST)

    Highest Rent Hike in Noida पिछले 3 साल में घरों के किराये में 30 फीसदी तक वृद्धि हुई है। इस साल यानी 2025 में बाजार स्थिर होने की संभावना है। हालांकि यह काफी हद नए घरों की उपलब्धता पर भी तय करेगा। अगर डिमांड के मुताबिक नए घर उपलब्ध रहेंगे तो कीमतें स्थिर रहेंगी। अगर घर डिमांड से कम या ज्यादा उपलब्ध होते हैं तो उसका असर किराये पर दिखेगा।

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    कोविड-19 का दौर खत्म होने के बाद शहरों में घरों की मांग तेजी से बढ़ी है।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। देश के बड़े शहरों में मकान का किराया तेजी से बढ़ रहा है। प्रॉपर्टी कंसल्टिंग फर्म एनारॉक के मुताबिक, प्रमुख शहरों में किराय 9 से लेकर 22 फीसदी तक बढ़ा रहा है। अगर प्रमुख वजहों की बात करें, तो नए लोगों का बड़े शहरों की ओर पलायन और अच्छी सुविधाओं वाले घरों की बढ़ती मांग है।

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    रिपोर्ट बताती है कि नोएडा के सेक्टर-150 में सबसे ज्यादा किराया वृद्धि हुई है। वहीं, मुंबई में किराये में सबसे कम बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

    मेट्रो सिटी में किराया बढ़ने के प्रमुख कारण

    • कोविड-19 का दौर खत्म होने के बाद शहरों में घरों की मांग तेजी से बढ़ी है।
    • नई बिल्डिंग्स और मॉडर्न हाउसिंग सोसाइटी के आने से किराया भी ज्यादा हुआ।
    • घर के डिजाइन और लोकेशन के हिसाब से भी किराये में काफी बदलाव हुआ।
    • मकान किराये पर देने वाले लैंड लॉर्ड अपने निवेश के हिसाब से किराया तय कर रहे हैं।
    • महंगाई, प्रॉपर्टी टैक्स और डिमांड-सप्लाई असंतुलन की भी किराया बढ़ाने में भूमिका है।

    किस शहर में कितना बढ़ा किराया?

    • नोएडा (सेक्टर-150): 22 फीसदी की बढ़ोतरी।
    • SMR क्षेत्र (मेट्रो एरिया, पुणे): 12.2 फीसदी की वृद्धि।
    • बेंगलुरु, हैदराबाद, गुरुग्राम: 16 फीसदी तक किराया बढ़ा।
    • मुंबई: 10 फीसदी से भी कम बढ़ोतरी (सबसे कम)।

    आगे क्या होगा किराये का ट्रेंड?

    हाउसिंग एक्सपर्ट के मुताबिक, पिछले 3 साल में घरों के किराये में 30 फीसदी तक वृद्धि हुई है। हालांकि, इस साल यानी 2025 में बाजार स्थिर होने की संभावना है। हालांकि, यह काफी हद नए घरों की उपलब्धता पर भी तय करेगा। अगर डिमांड के मुताबिक नए घर उपलब्ध रहेंगे, तो कीमतें स्थिर रहेंगी। हालांकि, इसमें अगर घर डिमांड से कम या ज्यादा उपलब्ध होते हैं, तो उसका असर किराये पर भी दिखेगा।

    खर्च में किराये का हिस्सा बढ़ा

    अब शहरों में रहने वालों की औसत कमाई का बड़ा हिस्सा घर के किराए में चला जाता है। घरेलू उपभोग व्यय सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार कुल उपभोग व्यय में किराये का हिस्सा 6.58 फीसदी हो गया है। यह साल 1999 में 4.46 फीसदी था। खास यह है कि उसके बाद हर सर्वे में किराये की दर बढ़ती गई। इस सर्वे में घरेलू उपभोग और खर्च के पैटर्न को समझने के लिए देश भर से लोगों की राय ली जाती है। इस आंकड़ों का इस्तेमाल मुद्रास्फीति की गणना में किया जाता है।

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