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    आपूर्ति से पहले एडवांस पेमेंट पर अब जीएसटी नहीं

    By Surbhi JainEdited By:
    Updated: Fri, 17 Nov 2017 10:17 AM (IST)

    विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि जब आपूर्ति पूरी हो जाएगी, तभी टैक्स लगेगा

    आपूर्ति से पहले एडवांस पेमेंट पर अब जीएसटी नहीं

    नई दिल्ली (जेएनएन)। जीएसटी में कारोबारियों के लिए एक और खुशखबरी है। अब माल की आपूर्ति से पहले प्राप्त एडवांस पेमेंट पर टैक्स नहीं चुकाना होगा। इससे न सिर्फ कारोबार में आसानी होगी, वरन पूंजी भी नहीं फंसेगी। आपूर्ति पूरी होने पर ही टैक्स देना होगा। इससे बड़े कॉरपोरेट सेक्टर और सराफा कारोबार को ज्यादा लाभ मिलेगा।

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    अधिकांश कारोबारी गतिविधियों में माल लेने के लिए एडवांस देने का प्रचलन है। यह कुल माल का बड़ा हिस्सा होता है। वैट में एडवांस पेमेंट पर टैक्स की व्यवस्था नहीं थी, लेकिन जीएसटी में इसे लागू किया गया। इसमें साफ कहा गया कि जो धन एडवांस में लिया जाएगा, उस पर टैक्स लिया जाएगा और माल की आपूर्ति के समय जो बाकी धन मिलेगा, उस समय उतने हिस्से का टैक्स जमा किया जाएगा। यह व्यवस्था इसलिए लागू की गई ताकि पता चल सके कि कब, कितना धन दिया जा रहा है।

    इसका कारोबार पर बुरा असर पड़ने लगा। कई बार कारोबारी एडवांस देने के बाद संबंध बिगड़ने या माल खराब होने पर लेने से मना कर देते हैं, ऐसे में वे अपना एडवांस वापस लेने के लिए विवाद करते हैं जबकि उस पर टैक्स कट चुका होता है। इसे देखते हुए विभाग ने साफ कर दिया कि अब माल की आपूर्ति के लिए प्राप्त एडवांस पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। जब आपूर्ति पूरी हो जाएगी, तभी टैक्स लगेगा।

    समाचार एजेंसी पीटीआइ के अनुसार केंद्रीय उत्पाद एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीईसी) ने पिछले महीने 1.5 करोड़ रुपये तक के टर्नओवर वाले कारोबारियों को एडवांस पर जीएसटी की व्यवस्था से छूट दी थी। अब सभी कारोबारियों को छूट दे दी गई है। हालांकि कंपोजिशन स्कीम चुनने वालों पर अब भी यह व्यवस्था लागू रहेगी। सेवा क्षेत्र से जुड़े कारोबार में भी यह व्यवस्था बनी रहेगी। वैट और अप्रत्यक्ष कर की पहले की व्यवस्थाओं में भी सेवा क्षेत्र में एडवांस पेमेंट पर टैक्स का प्रावधान था।

    फैसले की सराहना
    कानपुर महानगर सराफा एसोसिएशन के महामंत्री पंकज अरोड़ा ने बताया कि सराफा कारोबार को राहत मिलेगी। सराफा में काफी काम एडवांस पर होता है। कारोबारियों के लिए एडवांस पेमेंट पर टैक्स काफी उलझन भरा था।
    नौघड़ा कपड़ा कमेटी के अध्यक्ष शेष नारायण त्रिवेदी ने कहा कि कपड़ा कारोबार में बहुत से लोग पहले एडवांस दे जाते हैं और शादी का सीजन आने पर कपड़े खरीदते हैं। कानपुर इनकम टैक्स बार एसोसिएशन के चेयरमैन संतोष कुमार गुप्ता ने बताया कि कॉरपोरेट घरानों व सभी बड़ी एजेंसियों के लिए यह राहत भरा निर्णय है।

    कार्यालय जाकर रिफंड क्लेम कर सकेंगे निर्यातक
    निर्यातकों को अपने जीएसटी रिफंड क्लेम कार्यालय जाकर पेश करने की अनुमति दे दी गई है। इससे निर्यातकों को अपने क्लेम तेजी से निपटाने में मदद मिलेगी। उनकी नकदी की समस्या भी सुलङोगी। जिन सेवा निर्यातकों ने आइजीएसटी का भुगतान किया है और जो विशेष आर्थिक क्षेत्र (सेज) की इकाइयों को करमुक्त सेवाओं की आपूर्ति करते हैं, साथ ही जो निर्यातक व्यापारी अपने इनपुट क्रेडिट पर रिफंड क्लेम करना चाहते हैं वे क्षेत्रीय आयुक्त के पास रिफंड फॉर्म लेकर जा सकते हैं।