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कॉन्ट्रैक्टरों की सहूलियत के लिए Nitin Gadkari का ऐलान, सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में करने जा रही ये सुधार

परिवहन मंत्री नितिन गडकरी इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में सुधार लाने के लिए बड़े बदलाव करने जा रहे हैं। दिसंबर में भारत का पहला जमानती बॉन्ड बीमा उत्पाद पेश किया जाएगा जिसका लाभ भारत के ठेकेदारों को मिलने वाला है। इसकी पूरी जानकारी नीचे देखें।

By Sonali SinghEdited By: Published: Thu, 08 Dec 2022 04:52 PM (IST)Updated: Thu, 08 Dec 2022 04:59 PM (IST)
कॉन्ट्रैक्टरों की सहूलियत के लिए  Nitin Gadkari का ऐलान, सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में करने जा रही ये सुधार
Road transport minister Nitin Gadkari Will Launch Surety Bonds Insurance

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Surety Bonds Insurance: केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में तेजी लाने के लिए एक बड़ी घोषणा की है। गडकरी ने बताया कि इस सेक्टर में करेंसी के फ्लो को बढ़ाने के लिए भारत का पहला जमानती बॉन्ड बीमा उत्पाद पेश किया जाएगा। इसे 19 दिसंबर को लाया जा रहा है और इसके बारे में गडकरी ने उद्योग निकाय सीआईआई (CII) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा।

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गडकरी ने कहा कि 19 दिसंबर को हमारा मंत्रालय भारत का पहला जमानत बांड बीमा उत्पाद लॉन्च कर रहा है, जो ठेकेदारों को राहत देने वाला है। यह जमानत बॉन्ड बैंक गारंटी में फंसे ठेकेदारों की कार्यशील पूंजी को खत्म करके इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में फ्लो को बढ़ाने में मदद करेंगे।"

कॉर्पोरेट बांड और वित्तीय गारंटी से अलग

जमानत बॉन्ड, कॉर्पोरेट बॉन्ड और वित्तीय गारंटी से अलग है। ठेकेदार इस राशि का उपयोग अपने बिजनेस के विकास के लिए कर सकते हैं। गडकरी ने कहा कि वह एक जन परिवहन प्रणाली शुरू करना चाहते हैं। साथ ही लद्दाख और लेह में 30 फनिक्युलर रेलवे सिस्टम प्रोजेक्ट को भी लॉन्च करना चाहते हैं।

क्या होता है जमानत बॉन्ड बीमा?

आपको बता दें कि जमानत बॉन्ड बीमा एक वित्तीय गारंटी है, जो कवर की गई पार्टी उसके कान्ट्रैक्ट के दायित्वों को पूरा करने में मदद करती है। सामान्य तौर पर जमानत बॉन्ड में तीन पक्ष शामिल होते हैं-

1. प्रिंसिपल पार्टी, जिसे इस गारंटी के तहत कवर किया गया है

2. गारंटी के लिए अनुरोध करने वाला व्यक्ति

3. वह पार्टी है जो बॉन्ड जारी करता है

भारत में विभिन्न तरह के जमानत बॉन्ड उपलब्ध हैं। अगर किसी भी तरह से प्रिंसिपल सहमत शर्तों का पालन करने में विफल रहता है, तो बाध्य व्यक्ति बांड पर दावा दायर कर सकता है।

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