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    भारत कैसे बनेगा केमिकल मैन्यूफैक्चरिंग का पावरहाउस, जानें नीति आयोग ने क्या बताया? इतने लाख लोगों को मिलेगा रोजगार

    NITI Aayog on India chemical industry नीति आयोग ने कहा है कि भारत को विश्वस्तरीय केमिकल हब स्थापित करने चाहिए ताकि वो ग्लोबल केमिकल मैन्यूफैक्चरिंग पावरहाउस बन सके। अगर ऐसा होता है तो इससे साल 2030 तक देश में 7 लाख नौकरियां पैदा होंगी। साथ ही 35-40 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त निर्यात होगा।

    By Agency Edited By: Ankit Katiyar Updated: Thu, 03 Jul 2025 09:26 PM (IST)
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    2030 तक देश में 7 लाख नौकरियां पैदा होंगी।

    नई दिल्ली| नीति आयोग ने सुझाव दिया है कि अगर भारत को ग्लोबल केमिकल मैन्यूफैक्चरिंग पावरहाउस बनना है तो उसे विश्वस्तरीय केमिकल हब स्थापित करने चाहिए। "रासायनिक उद्योग: वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं में भारत की भागीदारी को सशक्त बनाना" संबधी रिपोर्ट में नीति आयोग ने कहा कि भारत 2040 तक एक ट्रिलियन डालर के केमिकल उत्पादन का लक्ष्य लेकर चल रहा है।

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    7 लाख नौकरियां पैदा होने का अनुमान

    रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में भारत की वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं (जीवीसी) में हिस्सेदारी 3.5 प्रतिशत थी, जिसे 2040 तक 5-6 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। अगर ऐसा होता है तो 35-40 बिलियन डॉलर का अतिरिक्त निर्यात होगा। साथ ही, साल 2030 तक सात लाख नौकरियां पैदा होंगी। 

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    8 बंदरगाहों का विकास जरूरी

    बंदरगाहों पर केमिकल बिजनेस में बुनियादी ढांचे की खामियों पर सलाह देने और उन्हें दूर करने के लिए एक समिति के गठन की वकालत करते हुए रिपोर्ट में आठ उच्च संभावित बंदरगाहों के विकास को जरूरी बताया गया है।

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    रिपोर्ट में सिफारिश की गई है कि सरकार को आयात बिल, निर्यात क्षमता, एकल स्त्रोत देश पर निर्भरता, अंतिम बाजार की गंभीरता आदि के आधार पर रसायनों के वृद्धिशील उत्पादन को प्रोत्साहित करना चाहिए।

    ग्लोबल इकोनॉमी बनने के लिए मैन्युफैक्चरिंग जरूरी

    अगर भारत साल 2047 तक 20 ट्रिलियन डॉलर के अनुमानित लक्ष्य तक पहुंचना चाहता है तो उसके लिए विनिर्माण क्षेत्र में वृद्धि होनी बहुत जरूरी है। भारत इस सफर को अपने सही फैसले और सही उपायों और कठोर निष्पादन के साथ भारत का विनिर्माण क्षेत्र 4.5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंच सकता है, जिससे इसकी जीडीपी हिस्सेदारी 22 प्रतिशत हो सकती है।

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