एफपीआइ पर सरचार्ज हटाने की मांग, कॉरपोरेट पर टैक्स घटा सकती है सरकार
विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने सरकार से मांग की है कि चालू वित्त वर्ष के आम बजट में पर जो सरचार्ज लगाया गया था उसे वापस लिया जाए।
जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआइ) ने सरकार से मांग की है कि चालू वित्त वर्ष के आम बजट में पर जो सरचार्ज लगाया गया था, उसे वापस लिया जाए। साथ ही उन्होंने निवेश के लिए सकारात्मक माहौल बनाने की खातिर डिविडेंड डिस्ट्रीब्यूशन टैक्स और लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स की समीक्षा करने की मांग भी की। सूत्रों के मुताबिक सीतारमण ने कैपिटल मार्केट के प्रतिनिधियों की बात धैर्यपूर्वक सुनी, लेकिन उन्होंने कोई ठोस आश्वासन नहीं दिया। इस बीच शेयर बाजार लगातार दूसरे दिन सोमवार को इस उम्मीद में ऊपर चढ़ा कि अर्थव्यवस्था को गति देने के इरादे से सरकार शायद बाजार के अनुकूल उपायों की घोषणा कर सकती है।
अर्थव्यवस्था को गति देने और निवेश को बढ़ावा देने के इरादे से वित्त मंत्री पिछले कई दिनों से अलग-अलग क्षेत्र के प्रतिनिधियों के साथ बैठक कर रही हैं। इसी सिलसिले में एफपीआइ के साथ बैठक बुलाई गई। अर्थव्यवस्था के अलग-अलग क्षेत्रों से मंदी की आहट आ रही है। यह बैठक इसलिए महत्वपूर्ण थी क्योंकि आम बजट पेश होने के बाद से एफपीआइ ने घरेलू इक्विटी और डेट बाजारों से लगातार बिकवाली की है।
ये सुझाव दिए गए : सूत्रों का कहना है कि बैठक में विभिन्न पक्षों ने कर्मचारी भविष्य निधि फंड (ईपीएफ) द्वारा स्टॉक मार्केट में किए जाने वाले निवेश की सीमा बढ़ाने का सुझाव भी दिया, ताकि इससे बाजार में लिक्विडिटी बढ़े। इसके अलावा लांग टर्म कैपिटल गेन टैक्स को घटाने या समाप्त करने की मांग भी की। इसी तरह दो करोड़ रुपये से अधिक आय पर बढ़ाया गया सरचार्ज एफपीआइ पर लागू नहीं होना चाहिए। सरकार के सरचार्ज संबंधी फैसले से बाजार पर असर पड़ा है। बैठक में शामिल प्रतिनिधियों ने कारोबार की प्रक्रिया सरल बनाने के लिए एफपीआइ के केवाइसी नियमों में ढिलाई देने की मांग की। साथ ही मसाला बांड्स पर विथहोल्डिंग टैक्स को खत्म करने की मांग भी की। बैठक में गोल्डमैन सैक्श, नौमुरा, ब्लैकरॉक सीएलएसए, बार्कलेज और जेपी मॉर्गन ने भाग लिया। बैठक के बाद एनएसई के सीईओ और एमडी विक्रम लिमये ने कहा कि मंत्री ने सबकी बात ध्यानपूर्वक सुनी। लिमये ने हालांकि बैठक में हुई बातचीत का ब्योरा नहीं दिया।
एसोसिएशन ऑफ नेशनल एक्सचेंज के प्रेसिडेंट विजय भूषण ने सुझाव दिया कि कैपिटल मार्केट में लागत कम करके वैश्विक स्तर पर लानी चाहिए। फाइनेंस इंडस्ट्री डवलपमेंट काउंसिल के चेयरमैन रमन अग्रवाल ने एनबीएफसी के लिए नेशनल हाउसिंग बोर्ड की तरह नियामक बनाने का सुझाव दिया।
कॉरपोरेट पर टैक्स घटाने का सरकार का इरादा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार का इरादा कॉरपोरेट पर टैक्स घटाने का है। उन्होंने स्पष्ट किया है कि सरकार किसी भी रूप में उद्योग के लिए कठिनाई पैदा नहीं करना चाहती। उद्योग संगठन सीआइआइ की नेशनल काउंसिल के सत्र को संबोधित करते हुए सीतारमण ने कहा कि सरकार का इरादा कॉरपोरेट पर टैक्स कम करने का है। इसमें कोई दो-राय नहीं है। टैक्स राजस्व में वृद्धि होने पर सरकार सभी कंपनियों के लिए 25 फीसद टैक्स पर विचार करेगी। टैक्स की प्रक्रिया सरल बनाने और करदाताओं की परेशानी कम करने के मुद्दे पर सीतारमण ने कहा कि हम टैक्स की प्रक्रिया सरल बनाने की कोशिश कर रहे हैं। डायरेक्ट टैक्स कोड 15 अगस्त को रिलीज होने की संभावना है।
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