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    भारत में फॉक्सवैगन की गाड़ियों पर लग सकता है बैन

    उत्सर्जन मानकों के उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रही जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी फॉक्सवैगन की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। एक याचिकाकर्ता ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एक याचिका दायर कर फॉक्सवैगन की गाडि़यों की बिक्री पर रोक की मांग की है। एनजीटी ने इस याचिका पर केंद्र सरकार तथा

    By Abhishek Pratap SinghEdited By: Updated: Mon, 30 Nov 2015 09:28 PM (IST)

    नई दिल्ली। उत्सर्जन मानकों के उल्लंघन के आरोपों का सामना कर रही जर्मन ऑटोमोबाइल कंपनी फॉक्सवैगन की दिक्कतें बढ़ सकती हैं। एक याचिकाकर्ता ने नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में एक याचिका दायर कर फॉक्सवैगन की गाडि़यों की बिक्री पर रोक की मांग की है। एनजीटी ने इस याचिका पर केंद्र सरकार तथा फॉक्सवैगन को नोटिस जारी किया है।

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    न्यायमूर्ति स्वतंत्र कुमार की अध्यक्षता वाली एनजीटी की प्रधान पीठ ने सोमवार को केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारी उद्योग और सार्वजनिक उपक्रम मंत्रालय, केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और फॉक्सवैगन समूह को नोटिस जारी कर 23 दिसंबर तक जवाब दाखिल करने को कहा।

    एनजीटी ने यह निर्देश दिल्ली की एक स्कूल शिक्षिका सलोनी ऐलावदी की याचिका पर दिया है। उन्होंने याचिका दायर कर फॉक्सवैगन तथा उसके समूह की कंपिनयाें के भारत में गाड़ी बनाने और बेचने पर रोक लगाने की मांग की है। याचिकाकर्ता का कहना है कि जब तक यह साबित न हो जाए कि कंपनी की गाडि़यां भारत में उत्सर्जन के निर्धारित मानकों को पालन कर रही हैं तब तक इनकी बिक्री और मैन्युफैक्चरिंग पर रोक लगाई जाए।

    ऐलावदी ने अपनी याचिका में ऑटोमोटिव रिसर्च एसोसिएशन ऑफ इंडिया की ताजा रिपोर्ट का हवाला दिया है। इस रिपोर्ट में कथित तौर पर कहा गया है कि फॉक्सवैगन और उसकी समूह कंपिनयां भारत में उत्सर्जन के मानकों का उल्लंघन करते हुए प्रदूषण फैला रही हैं। ये कंपनियां ऐसे वाहन बेच रही हैं जिनसे 9 गुना अधिक नाइट्रोजन ऑक्साइड का उत्सर्जन होता है।

    याचिकाकर्ता का कहना है कि वह फॉक्सवैगन के वाहन प्रदूषण फैला रहे हैं और सरकार के मानकों का उल्लंघन कर रहे हैं। इससे लाखों लोगों का जीवन खतरे में हैं। उल्लेखनीय है कि सरकार ने एआरएआइ की रिपोर्ट के आधार पर फॉक्सवैगन को नोटिस जारी किया था।