New Income Tax Slab: नए टैक्स सिस्टम से लोगों के पास बचेगा अधिक पैसा, वित्त मंत्री ने बताया क्या है फार्मूला
New Income Tax Slab जब से बजट में नया टैक्स स्लैब घोषित हुआ है तब से लोग इसके परिणाम को लेकर सशंकित हैं। इसके फायदे और नुकसान को लेकर बहस चल रही है। इस बीच वित्त मंत्री ने नए टैक्स स्लैब को लेकर अपनी सफाई दी है।

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। New Tax Slab: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि नई कर व्यवस्था से मध्यम वर्ग को लाभ होगा, क्योंकि इससे उनके हाथ में और पैसा बचेगा। बजट के बाद भारतीय रिजर्व बैंक के केंद्रीय बोर्ड के पारंपरिक संबोधन के बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं के माध्यम से निवेश करने के लिए व्यक्तियों को प्रेरित करना आवश्यक नहीं है, बल्कि उन्हें निवेश के संबंध में व्यक्तिगत निर्णय लेने का अवसर देना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि जिस तरह से हमने मानक कटौती की अनुमति दी है और कर की जो दरें अलग-अलग स्लैब के लिए तय की गई हैं, इसने वास्तव में लोगों, करदाताओं, परिवारों के हाथों में अधिक पैसा छोड़ा है।
क्या कहा वित्त मंत्री ने
सीतारमण ने अपने नवीनतम बजट में नई कर व्यवस्था का विकल्प चुनने वाले व्यक्तियों को 50,000 रुपये के मानक कटौती लाभ का विस्तार करने का प्रस्ताव किया है।
वित्त मंत्री ने कहा कि 'मुझे नहीं लगता कि सरकार के लिए इस तरह के किसी उपाय को प्रेरित करना भी आवश्यक है। एक व्यक्ति जो अपना पैसा कमाता है और जो अपना घर चलाता है, यह जानने के लिए पर्याप्त बुद्धिमान है कि उसे अपना पैसा कहां लगाना है। मैंने उसे हतोत्साहित करने के लिए ऐसा नहीं किया है। न ही मैं उन्हें कुछ विशेष करने के लिए प्रोत्साहित कर रही हूं। यह पूरी तरह किसी व्यक्ति का चुनाव है।
क्या है नया टैक्स स्लैब
नई रियायती कर व्यवस्था अगले वित्तीय वर्ष से प्रभावी होगी। इसमें 3 लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं लगाया जाएगा। 3-6 लाख रुपये के बीच की आय पर 5 प्रतिशत कर लगेगा। 6-9 लाख रुपये पर 10 फीसदी, 9-12 लाख रुपये पर 15 फीसदी, 12-15 लाख रुपये पर 20 फीसदी और 15 लाख रुपये और इससे ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स लगेगा। हालांकि, 7 लाख रुपये तक की सालाना आय पर कोई टैक्स नहीं लगाया जाएगा।
मिडिल क्लास का होगा भला
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार का यह उपाय विशुद्ध रूप से मध्यम वर्ग पर कर के बोझ को कम करने के लिए था और डायरेक्ट टैक्स को सरल बनाने के कुछ साल पहले किए गए वादे से जुड़ा हुआ है।
महंगाई काम करने की लगातार हो रही कोशिश
महंगाई पर पूछे गए एक सवाल में आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि खुदरा मुद्रास्फीति 2023-24 में लगभग 5.3 प्रतिशत रहने की उम्मीद है और अगर कच्चे तेल की कीमतें नरम रहती हैं तो इसमें और गिरावट आ सकती है। दास ने कहा कि आरबीआई ने अगले वित्त वर्ष के लिए मुद्रास्फीति अनुमान के लिए कच्चे तेल की 95 डॉलर प्रति बैरल दर का अनुमान लगाया है।
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