शैंपू, साबुन और टूथपेस्ट जैसे सामान पर 20% तक की छूट, 22 सितंबर से पहले बेचने की होड़; कौन सी कंपनियां दे रहीं ऑफर?
22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने वाली हैं और उससे पहले FMCG कंपनियां रिटेलर्स को बंपर छूट दे रही हैं। इसका सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है। कंपनियों का मकसद है कि 22 सितंबर से पहले पुराना स्टॉक तेजी से निकल जाए। यही वजह है कि कंपनियां 4% से लेकर 20% तक (New GST Cuts) का डिस्काउंट दे रही हैं।

नई दिल्ली| अगर आप रोजमर्रा के इस्तेमाल की चीजें जैसे शैंपू, साबुन, टूथपेस्ट या बेबी केयर प्रोडक्ट खरीदने की सोच रहे हैं, तो यह हफ्ता आपके लिए शानदार मौका है। 22 सितंबर से जीएसटी की नई दरें लागू होने वाली हैं और उससे पहले बड़ी FMCG कंपनियां रिटेलर्स को जबरदस्त छूट (GST rate cut household essentials) दे रही हैं। इसका सीधा फायदा आम उपभोक्ताओं तक पहुंच रहा है।
दरअसल, कंपनियों का मकसद है कि 22 सितंबर से पहले पुराना स्टॉक तेजी से निकल जाए और नया टैक्स स्लैब बिना किसी रुकावट के लागू हो। यही वजह है कि कंपनियां 4% से लेकर 20% तक का डिस्काउंट दे रही हैं, जो 21 सितंबर तक मान्य है। क्योंकि, 22 सितंबर से नए टैक्स स्लैब वाले प्रोडक्ट बाजार में आ सकते हैं या फिर पुराने प्रोडक्ट को दो एमआरपी के साथ बेचना पड़ेगा।
कौन-कौन सी कंपनियां दे रही हैं ऑफर?
- हिंदुस्तान यूनिलीवर (HUL): 'रिटेलर बोनांजा' स्कीम के तहत साबुन पर 4% अतिरिक्त छूट, शैंपू पर 10-20% और हेयर ऑयल पर 7-11% तक ( price drop on shampoo toothpaste ) डिस्काउंट। हेल्थ ड्रिंक और बेवरेजेस पर भी 5-7% की छूट।
- प्रॉक्टर एंड गैंबल (P&G) इंडिया : 'नेवर बिफोर जीएसटी' स्कीम के तहत हेड एंड शोल्डर्स, पैंटीन, ओरल-बी, जिलेट और ओल्ड स्पाइस पर 10% अतिरिक्त छूट। पैम्पर्स और विक्स जैसे प्रोडक्ट्स पर भी 5% छूट (5% GST for personal care)।
- लॉरियल इंडिया: शैंपू और फेस पाउडर पर जीएसटी 18% से घटकर 5% हो रहा है। नई एमआरपी लिस्ट 22 सितंबर से लागू होगी।
- हिमालया वेलनेस: बेबी केयर प्रोडक्ट्स-डायपर, पाउडर, शैंपू और साबुन-अब 5% जीएसटी स्लैब में आ जाएंगे।
- डाबर इंडिया: रेड टूथपेस्ट और स्वाक पर 10% का ऑफर।
22 सितंबर से क्या बदलेगा?
22 सितंबर से नई टैक्स दरें लागू होंगी। जिसके बाद बाजार में पुराने और नए दाम वाले सामान एक साथ मौजूद रहेंगे। ऐसे में ग्राहकों को सतर्क रहने की जरूरत है। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर किसी प्रोडक्ट का टैक्स घट चुका है तो उसका बिल नई दर पर ही बनेगा। यानी आपको कम कीमत का लाभ मिलना चाहिए।
ग्राहकों को सलाह
खरीदारी करते वक्त MRP और बिल दोनों जांचें। अगर जीएसटी दर घट चुकी है और रिटेलर पुराना दाम वसूल रहा है, तो आप कम कीमत पर जोर दे सकते हैं। कुल मिलाकर 22 सितंबर से पहले के दिन खरीदारी के लिए गोल्डन पीरियड साबित हो सकते हैं।
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