Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    इंफ्रा सेक्टर पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी नई सरकार : ICRA

    ICRA ने कहा कि नई सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर पर अपना ध्यान केंद्रित करना जारी रखेगी जिसमें रेलवे सड़क और पानी पर अधिक व्यय होगा। सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए नई सरकार की प्राथमिकता में कुछ बदलाव हो सकता है। मूडीज एनालिटिक्स ने भी कहा कि गठबंधन सरकार में कम होती राजनीतिक स्थिरता और आम सहमति बनाने की आवश्यकता के कारण निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है।

    By Agency Edited By: Ankita Pandey Updated: Fri, 07 Jun 2024 06:00 PM (IST)
    Hero Image
    नई सरकार का पूरा ध्यान इंफ्रा सेक्टर पर ही क्रेन्द्रित होगा।

    पीटीआई, नई दिल्ली। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने शुक्रवार को कहा कि नई सरकार रेल, सड़क और पानी पर ज्यादा आवंटन के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित रखना जारी रखेगी। नरेन्द्र मोदी लगातार तीसरी बार भारत के प्रधानमंत्री का पद संभालेंगे। हालांकि, उम्मीद से कम सीटें मिलने के कारण उनकी पार्टी भाजपा को गठबंधन सरकार में सत्ता साझा करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    रेटिंग एजेंसी ने एक बयान में कहा कि सभी हितधारकों को ध्यान में रखते हुए नई सरकार की प्राथमिकता में कुछ बदलाव हो सकता है। लेकिन विकास की गति बनाए रखने के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर पर पूंजीगत व्यय को जारी रखे जाने की उम्मीद है। इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च से जीडीपी पर सकारात्मक असर होता है और इससे रोजगार का सृजन भी होता है। चुनावों में राजग को कुल 293 सीटें मिली हैं, जो 543 सदस्यीय लोकसभा में बहुमत के लिए जरूरी 272 सीटों से ज्यादा है।

    यह भी पढ़ें - Dollar vs Rupee: शेयर मार्केट के साथ भारतीय करेंसी ने भी लगाई दौड़, डॉलर के मुकाबले इतने पैसे चढ़कर बंद हुआ रुपया

    गठबंधन से निर्णय लेने की प्रक्रिया होगी धीमी

    मूडीज एनालिटिक्स ने शुक्रवार को कहा कि गठबंधन सरकार में कम होती राजनीतिक स्थिरता और आम सहमति बनाने की आवश्यकता के कारण निर्णय लेने की प्रक्रिया धीमी हो सकती है। मूडीज एनालिटिक्स ने एक नोट में कहा कि लोकसभा चुनाव के नतीजों का मतलब है कि संसद में गतिशीलता बदलने वाली है।

    इससे गठबंधन के सहयोगी नीतिगत निर्णयों में प्रभाव और लाभ प्राप्त करेंगे, जिससे शासन के लिए अधिक समावेशी दृष्टिकोण की अनुमति मिलेगी। मूडीज एनालिटिक्स की एसोसिएट इकोनमिस्ट अदिति रमन ने कहा कि कम होती राजनीतिक स्थिरता और आम सहमति बनाने की आवश्यकता निकट भविष्य में निवेशकों के विश्वास को कम कर सकती है।

    यह भी पढ़ें - रिजर्व बैंक ने विदेश से गोल्ड वापस मंगाया, क्या अब सस्ता होगा सोना? RBI गवर्नर ने दिया जवाब