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    नई सरकार राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध, बजट में दिखी झलक : फिच

    By Agency Edited By: Yogesh Singh
    Updated: Fri, 26 Jul 2024 09:45 PM (IST)

    वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार का राजकोषीय घाटा लक्ष्य 5.4 प्रतिशत से काफी कम है। इसका अनुमान रेटिंग एजेंसी ने जनवरी 2024 में स्थिर दृष्टिकोण के साथ भारत की बीबीबी रेटिंग की पुष्टि करते समय लगाया था। फिच ने कहा हमारा मानना है कि यह हासिल किया जा सकता है। जीडीपी वृद्धि की धारणा हमारे मौजूदा पूर्वानुमान से मामूली रूप से कम है।

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    राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से कम करने के अपने लक्ष्य को भी हासिल कर सकती है सरकार

    पीटीआई, नई दिल्ली। फिच रेटिंग्‍स ने शुक्रवार को कहा कि भारत का चुनाव पश्चात बजट इस बात की पुष्टि करता है कि मोदी सरकार वित्त वर्ष 2024-25 और वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को कम करने के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त वर्ष 2024-25 के बजट में, सरकार ने मार्च, 2025 को समाप्त होने वाले वर्ष के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को फरवरी के अंतरिम बजट में 5.1 प्रतिशत से घटाकर सकल घरेलू उत्पाद का 4.9 प्रतिशत कर दिया है।

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    वित्त वर्ष 2024-25 के लिए सरकार का राजकोषीय घाटा लक्ष्य 5.4 प्रतिशत से काफी कम है। इसका अनुमान रेटिंग एजेंसी ने जनवरी, 2024 में स्थिर दृष्टिकोण के साथ भारत की 'बीबीबी' रेटिंग की पुष्टि करते समय लगाया था। फिच ने कहा, 'हमारा मानना है कि यह हासिल किया जा सकता है, क्योंकि वित्त वर्ष 2024-25 में सरकार की 10.5 प्रतिशत नाममात्र जीडीपी वृद्धि की धारणा हमारे मौजूदा पूर्वानुमान से मामूली रूप से कम है।'

    फिच ने कहा, ''हमें लगता है कि सरकार वित्त वर्ष 2025-26 में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के 4.5 प्रतिशत से कम करने के अपने लक्ष्य को भी हासिल कर सकती है। हाल के वर्षों में अपने बजट घाटे के लक्ष्यों को हासिल करने या उससे बेहतर प्रदर्शन करने के सरकार के रिकॉर्ड ने इसकी राजकोषीय विश्वसनीयता में सुधार किया है। वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटा 5.6 प्रतिशत रहा, जो 5.9 प्रतिशत के लक्ष्य से काफी कम था।