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सरकार से तनातनी की खबरों के बीच RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा

रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफे के पीछे उन्होंने निजी कारण बताया है। उन्होंने कहा कि आरबीआइ में काम करना मेरे लिए सम्मान की बात है।

By Digpal SinghEdited By: Published: Mon, 10 Dec 2018 05:20 PM (IST)Updated: Mon, 10 Dec 2018 09:16 PM (IST)
सरकार से तनातनी की खबरों के बीच RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा
सरकार से तनातनी की खबरों के बीच RBI गवर्नर उर्जित पटेल ने दिया इस्तीफा

नई दिल्ली, जेएनएन। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) के गवर्नर ऊर्जित पटेल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। पटेल ने निजी कारण बताते हुए अपने पद से इस्तीफा दिया है। उन्होंने कहा, 'निजी कारणों से मैंने अपने पद से तत्काल हटने का फैसला किया है।' उन्होंने कहा, आरबीआई में काम करना मेरे लिए गर्व की बात है।

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उर्जित पटेल के इस्तीफे पर प्रधानमंत्री मोदी ने दुख जताते हुए कहा, 'डॉ. ऊर्जित पटेल बेहद सम्मानित अर्थशास्त्री हैं और अर्थव्यवस्था को लेकर उनका नजरिया बेहद व्यापक है। उन्होंने बैंकिंग व्यवस्था को अराजकता की हालत से निकालकर व्यवस्थित किया। वह अपने पीछे महान विरासत छोड़ गए हैं। वह हमें बेहद याद आएंगे।'

गौरतलब है कि आरबीआइ की स्वायत्ता और उसके रिजर्व को सरकार को ट्रांसफर किए जाने समेत अन्य अहम मुद्दों पर सरकार के साथ टकराव चल रहा था। पटेल हाल ही में वित्तीय मामलों पर गठित संसदीय समिति के समक्ष भी पेश हुए थे, जहां उन्होंने नोटबंदी के फैसले पर सावधानी पूर्वक जवाब दिया था।

नोटबंदी को लेकर पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए आरबीआइ गवर्नर ने कहा था कि इससे अर्थव्यवस्था पर 'क्षणिक' प्रभाव पड़ा। हालांकि उन्होंने आरबीआइ एक्ट की धारा 7 को बहाल किए जाने, एनपीए और केंद्रीय बैंक की स्वायत्ता के साथ अन्य विवादित मुद्दों को लेकर स्पष्ट जवाब नहीं दिया। 

कौन हैं उर्जित पटेल?
28 अक्टूबर 2018 को जन्मे उर्जित पटेल आरबीआइ के गवर्नर बनने से पहले डिप्टी गवर्नर के पद पर थे। इस दौरान वह देश की कई अहम आर्थिक गतिविधियों का हिस्सा रहे। उन्होंने लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स से अर्थशास्त्र में स्नातक किया है। ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी से जुड़े कॉलेज से उर्जित पटेल ने एम. फिल की डिग्री हासिल की। बाद में उन्हें डॉक्ट्रेट की उपाधि भी मिली।

अहम होता है आरबीआइ गवर्नर पद
हर देश का एक केंद्रीय बैंक होता है जो करेंसी नोट जारी करता है, विदेशी मुद्रा का भंडार रखता, बैंकों के लिए नियम बनाता है और विकास दर को ध्यान में रखकर महंगाई नियंत्रित रखने के लिए अपनी मौद्रिक नीति के जरिए अर्थव्यवस्था में ब्याज दरों का रुख तय करता है। हमारे देश का केंद्रीय बैंक- आरबीआइ है। इसलिए आरबीआइ की इन सब जिम्मेदारियों को निभाने में गवर्नर की अहम भूमिका होती है। आरबीआइ की स्थापना भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 के जरिए हुई और एक अप्रैल 1935 से इसने काम करना शुरु किया। इस तरह आजादी से पहले ही आरबीआई वजूद में आ चुका था।


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